
ऋषिकेश। रक्षाबंधन पर्व पर वैदिक ब्राह्मण महासभा ने त्रिवेणीघाट पर श्रावणी उपाक्रम श्रद्धा भाव से मनाया। इस अवसर पर स्नान पूजा के बाद नए यज्ञोपवीत धारण किए गए।
शनिवार को गंगातट पर स्वामी केशव स्वरूप ब्रह्मचारी के सानिध्य में सर्वप्रथम प्रयाश्चित संकल्प, दशविधि स्नान, देव ऋषि, पितृ तर्पण व संध्योपासन कर्म किया गया। तत्पश्चात पंचांग, ऋषि, यज्ञोपवीत पूजन व हवन किया गया।
स्वामी केशव स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि श्रावणी उपाकर्म को श्रावणी व श्रावणी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन नया यज्ञोपवीत धारण कर वेदों का अध्ययन शुरू करने का संकल्प लिया जाता है। यह पर्व हमें जाने-अनजाने किए गए पाप कर्मों के प्रायश्चित का अवसर भी प्रदान करता है।
इस अवसर पर महासभा अध्यक्ष जगमोहन मिश्रा, महामंत्री शिवप्रसाद सेमवाल, संस्कृत भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री देवेंद्र पांड्या, डॉ. जनार्दन कैरवान, आचार्य राकेश भारद्वाज, नागेंद्र भद्री, राकेश लसियाल, विवेक चमोली, जितेन्द्र भट्ट, सुरेश पंत, शंकरमणि भट्ट, सौरभ सेमवाल, अमित कोठारी आदि मौजूद थे।