
• सिक्योरिटी गार्ड्स के समर्थन में आगे आए कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला
ऋषिकेश। एम्स संस्थान में नौकरी से निकाले जाने पर सिक्योरिटी गार्ड ने धरना दिया। सिक्योरिटी गार्ड्स ने 48 घंटे के नोटिस पर नौकरी से निकाले जाने को गलत बताया। हंगामा बढ़ने पर प्लेसमेंट एजेंसी, एम्स प्रशासन सामने आया। तहसीलदार की मौजूदगी में दोनों पक्षों की वार्ता के बाद धरना समाप्त हुआ। इस मामले में एम्स प्रशासन ने भी अपना पक्ष रखा है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रिंसिपल सिक्योरिटी एलाइड सर्विसेस प्राईवेट लिमिटेड ने शुक्रवार को एम्स में तैनात करीब 200 सिक्योरिटी गार्ड को 31 दिसंबर के बाद सेवा समाप्ति का नोटिस दिया, तो ड्यूटी पर पहुंचे सिक्योरिटी गार्ड्स सकते में आ गए। जिसके बाद नोटिस को गलत बताते हुए वह धरने पर बैठ गए। इसबीच कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी सिक्योरिटी गार्ड्स को शॉर्ट नोटिस पर निकाले जाने की खिलाफत की।
इसबीच प्रिंसिपल सिक्योरिटी एलाइड सर्विसेस प्राईवेट लिमिटेड के मैनेजर चंदन कुमार, एम्स के पीआरओ हरीश थपलियाल, तहसीलदार और कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षाकर्मियों से बात की। इस दौरान सिक्योरिटी गार्ड ने अपना पक्ष रखते हुए नौकरी से निकाले जाने का विरोध किया। सुरक्षाकर्मियों के समर्थन में आए कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने भी संबंधित अधिकारियों से बात की।
सुरक्षाकर्मियों की डिमांड पर अनुबंध की कॉपी उपलब्ध कराने और उन्हें दो महीने से पहले नहीं हटाए जाने के आश्वासन के बाद वह शांत हुए। कंपनी की ओर से बताया गया कि दो माह बाद भी आवश्यकतानुसार सिक्योरिटी गार्ड्स को सेवा का मौका दिया जाएगा।
प्लेसमेंट एजेंसी का बढ़ा कार्यकाल
एम्स प्रशासन ने सुरक्षाकर्मियों की मांग के मद्देनजर प्लेसमेंट एजेंसी के कार्यकाल को बढ़ा दिया गया है। जारी विज्ञप्ति में बताया कि मैसर्स प्रिंसिपल सिक्योरिटी सर्विसेज को एम्स में शुरूआती दो वर्ष के लिए सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसे दो वर्ष बाद फिर से बढ़ाया गया था। अब इसकी अवधि भी समाप्त हो रही है। बताया कि इसके स्थान पर सभी एम्स में डायरेक्टर जनरल रिसेटेलमेंट ( DGR ) से सुरक्षाकर्मियों की सेवाएं देने का आदेश हुआ है। बताया कि संस्थान द्वारा खुली निविदा के जरिए डीजीआर की उत्तराखंड में पैनल्ड एजेंसी उपनल को जनवरी 2023 से सुरक्षा कर्मियों की सप्लाई का ऑर्डर दिया गया है। ऐसे में मौजूदा एजेंसी की सेवा समाप्ति आवश्यक है। बताया कि संस्थान में प्रिंसिपल सिक्योरिटी के सुरक्षाकर्मियों ने अपना पक्ष एम्स प्रशासन के समक्ष रखा। उन्हें कुछ समय दिया जाना चाहिए। जिसे मानते हुए एम्स प्रशासन ने वर्तमान सेवा प्रदाता कंपनी के कार्यकाल में वृद्धि कर दी है। जिसपर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है।