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Aiims Rishikesh News : ऋषिकेश। एम्स में आयोजित नेत्रदान पखवाड़े के तहत नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। नर्सिंग छात्राओं ने लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया। कहा, नेत्रदान से एक नेत्रहीन व्यक्ति के अंधेरे जीवन को रोशन किया जा सकता है।
बुधवार को नेत्र रोग विभाग, ऋषिकेश आई बैंक और कॉलेज ऑफ नर्सिंग द्वारा नेत्रदान पखवाड़े के तहत ओपीडी एरिया में नुक्कड़ नाटक मंचित किया गया। कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह की देखरेख में छात्राओं ने नाट्य प्रस्तुति से आमजन, मरीजों व तीमारदारों को नेत्र दान का महत्व बताया।
उन्होंने बताया कि कॉर्निया में चोट से जख्म, कुपोषण, संक्रमण, रासायनिक जलन, जन्मजात नेत्र संबंधी विकृति, ऑपरेशन के बाद जटिलताएं अथवा संक्रमण से कॉर्नियल दृष्टिहीनता आती है। कॉर्निया प्रत्यारोपण ही इन तमाम दिक्कतों का समाधान है। जो कि नेत्रदान से ही संभव है। अब तक कॉर्निया का कृत्रिम विकल्प नहीं है।
इस अवसर पर एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीति गुप्ता ने बताया कि भारत में लगभग 15 लाख दृष्टिहीन लोग कॉर्निया प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा में हैं। जबकि प्रतिवर्ष दृष्टिहीनों की संख्या में 20 से 25 हजार का इजाफा हो रहा है।
मौके पर चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल, प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्रो. स्मृति अरोड़ा, डॉ. राज राजेश्वरी, डॉ. जैवियर बैल्सियाल, डॉ. मलार कोडी, डीएनएस पुष्पा रानी, एएनएस सुरेश गाजी, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर महिपाल चौहान, काउंसर बिंदिया भाटिया आदि मौजूद थे।