ऋषिकेशस्वास्थ्य

एम्स की सलाह: होली पर रंग व गुलाल खेलते वक्त बरतें सावधानियां

HoLi 2025 : ऋषिकेश। होली पर इन दिनों बाजार में केमिकल रंगों की भी भरमार है। ऐसे रंग आंखों और त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनसे अस्थमा और एलर्जी की शिकायत भी हो सकती है। एम्स ने होली पर स्वास्थ्य एडवाईजरी जारी करते हुए होली खेलते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है।

होली पर रंग खेलते समय लापरवाही स्वास्थ्य को सीधा नुकसान पंहुचा सकती है। खासकर केमिकल युक्त रंगों से त्वचा और शरीर के अन्य भागों में प्रतिकूल असर पड़ सकता है। चिकित्सकों के अनुसार इन रंगों से सबसे अधिक हमारी आंखें और चेहरे की त्वचा प्रभावित होती है। ऐसे में जरूरी है कि होली खेलते समय हमें अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

ऐसे रखें आंखों का खयाल
एम्स में नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि होली पर आंखों की देखभाल करना न भूलें। अगले दिन कई लोग आंखों में जलन, दर्द और रोशनी कम होने की शिकायत लेकर आते हैं। बताया कि आंखों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। कोशिश करें कि रंगों के छींटें आंखों में न जायं। बताया, होली पर हमेशा हर्बल रंगों का उपयोग करें। सलाह दी, यदि रंग आंखों में चला जाय तो आंखों को तुरंन्त साफ पानी से धोएं लेकिन आंखों को रगड़ने की गलती कतई न करें।

चेहरे और त्वचा का करें बचाव
त्वचा रोग विभाग हेड डाॅ. नवीन कुमार कन्सल ने बताया कि केमिकल रंगों से चेहरे पर जलन की समस्या हो जाती है। रंग मुंह में चले जाएं तो अस्थमा और एलर्जी की शिकायत के साथ चेहरा खराब भी हो सकता है। चेहरे में दाने निकलना, खुजली होना, त्वचा लाल होना व जलन पैदा होने की समस्या हो जाती है। सलाह दी, कोशिश करें कि होली में प्राकृतिक रंगों का ही उपयोग करें। बाजार में उपलब्ध ज्यादातर रंगों में पारा, सिलिका, अभ्रक और सीसे का मिश्रण होता है। इन रंगों से त्वचा पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े इसके लिए नारियल या सरसों का तेल लगाना लाभकारी होता है।

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