
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में 10 दिवसीय निःशुल्क मोतियाबिंद चिकित्सा शिविर का शुभारम्भ हुआ। इस अभियान में भारत के साथ-साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, नेपाल और अन्य देशों के वरिष्ठ नेत्र व हृदय विशेषज्ञ निःस्वार्थ सेवाएं दे रहे हैं। 
कार्यक्रम का शुभारम्भ स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के सान्निध्य में किया गया। स्वामी चिदानन्द ने कहा कि सेवा ही सच्ची साधना है। आंखों की रोशनी केवल दृष्टि ही नहीं देती, बल्कि जीवन को नई दिशा और उजाला प्रदान करती है। किसी व्यक्ति को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना सबसे बड़ा पुण्य है।
साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि परमार्थ निकेतन सदैव से “सर्वे भवन्तु सुखिनः” के मंत्र को जीवन में उतारने का कार्य करता आया है। कहा एक स्वस्थ दृष्टि, एक स्वस्थ हृदय और एक सशक्त रीढ़कृयही जीवन की असली समृद्धि है। ऐसे स्वास्थ्य शिविर समाज के हर वर्ग के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।
बताया गया कि शिविर में नेत्र परीक्षण के साथ ही दवा, उपचार और ऑपरेशन की सभी सुविधाएं पूरी तरह से निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसका उद्देश्य उन लोगों तक चिकित्सा पहुंचाना है जो अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते।
इस अवसर पर अमेरिका से डॉ. मनोज पटेल, ऑस्ट्रेलिया से डॉ. पूर्णिमा राय, इंग्लैंड से डॉ. योगा, भारत के प्रख्यात नेत्र चिकित्सक डॉ. मिलिंद भिडे, डॉ. विवेक जैन, डॉ. संपथ, डॉ. अश्विनी सुहासराव, डॉ. इरीना, डॉ. साई सुश्रुथा पेरुरी, डॉ. पारुल देसाई, डॉ. सतीश देसाई, डॉ. कलई, डॉ. आनंद चंद्रशेखरन, डॉ. विजयलक्ष्मी वद्रेवी, डॉ. भट्ट, डॉ. नीलिमा गांधम, डॉ. जया माधुरी और डॉ. रोजी आहूजा आदि शामिल हुए।



