
Aiims Rishikesh : ऋषिकेश। विश्व टीबी दिवस (World TB Day) पर एम्स (Aiims) में क्षय रोग को लेकर जनजागरूकता के मकसद से प्रश्नोत्तरी और पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। वहीं रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच दो दिवसीय अंतर्विभागीय क्विज भी आयोजित की गई।
जिला क्षय रोग विभाग और एनटीईपी की कोर कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में यूथ-20 इंडिया रन-अप समिट की तैयारियों के तहत पल्मोनरी विभाग द्वारा क्षय रोग पर जानकारियां साझा की गई। बताया गया कि समय पर इलाज शुरू करने से क्षय रोग की गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। अब टीबी रोग लाइलाज बीमारी नहीं है, जरूरी बचाव और दवाओं से इसे दूर किया जा सकता है।
इस दौरान संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि तपेदिक उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शासन-प्रशासन से लेकर ग्राउंड लेबल तक के कार्यकर्ताओं को टीम वर्क के आधार पर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रतिभागियों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए जनजागरुकता कार्यक्रमों को जारी रखने को कहा।
डीन एकेडमिक्स प्रो. जया चतुर्वेदी ने कहा कि जहां चिकित्सकों को टीबी प्रबंधन में लगातार बदलाव के लिए अनुभव की आवश्यकता है, वहीं रोगियों के संपूर्ण इलाज के साथ उनके प्रति भावनात्मक सहानुभूति भी रखनी चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान प्रश्नोत्तरी, पोस्टर प्रतियोगिता के साथ रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच दो दिवसीय अंतर्विभागीय क्विज भी आयोजित की गई। तपेदिक के इतिहास, उपचार और नई तकनीक पर आधारित प्रश्नोत्तरी में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की टीम विजयी रही। विजेता टीम को प्रशस्ति भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस दौरान पल्मोनरी विभागाध्यक्ष डॉ. गिरीश सिंधवानी, डॉ. रूचि दुआ, डॉ. मयंक मिश्रा, डॉ. प्रखर शर्मा, डॉ. लोकेश सैनी, डॉ. नीलम कैयस्थ, डॉ. अंबर, डॉ. रंजीता, रेजिडेंट्स डॉक्टर प्रकाश, डॉ.सैकत, डॉ. शरद आदि मौजूद रहे।,