पौड़ी: मेले हमारी जीवंत सांस्कृतिक विरासत: डीएम
देवलेश्वर महादेव मंदिर बलोड़ी में बैकुंठ चतुर्दशी मेले का आयोजन

पौड़ी। तहसील पौड़ी के अंतर्गत गगवाड़स्यूं घाटी स्थित प्रसिद्ध सिद्धपीठ देवलेश्वर महादेव मंदिर, बलोड़ी में बैकुंठ चतुर्दशी मेले का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया और देवलेश्वर महादेव के दर्शन कर जनपद की सुख-समृद्धि की कामना की।
मेला स्थल पर पहुंचने पर स्थानीय जनसमुदाय ने पारंपरिक वेशभूषा में जिलाधिकारी का गर्मजोशी से स्वागत किया। मंदिर समिति की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि देवलेश्वर महादेव मंदिर न केवल 34 से अधिक गांवों की आस्था का केंद्र है, बल्कि इसका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और स्थापत्य महत्व भी अत्यंत समृद्ध है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर लोक परंपरा, लोककला और सामाजिक एकता का प्रतीक है, जिसे संरक्षित करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
जिलाधिकारी ने मंदिर समिति की मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए कहा कि मंदिर के ऊपरी भाग में शिल्प संबंधी कार्य करवाने के साथ-साथ इसके इतिहास, स्थापत्य और विरासत को सहेजने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि मंदिर परिसर में सूचना पट्ट (साइनेज) लगाए जाएंगे, ताकि इस तीर्थ की पहचान पूरे जनपद और प्रदेश स्तर तक स्थापित हो सके।
जिलाधिकारी ने कहा देवलेश्वर महादेव मंदिर हमारी लोक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यहां के मेले-थौले और पारंपरिक आयोजन इस क्षेत्र की जीवंत सांस्कृतिक विरासत हैं। इन्हें नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम के दौरान मंदिर की आरती एवं स्तुति पुस्तिका का विमोचन किया गया। जनसमुदाय के बीच प्रस्तुत ‘चक्रव्यूह’ नाट्य मंचन मेले का मुख्य आकर्षण रहा, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। मौके पर तहसीलदार दीवान सिंह राणा, ग्राम प्रधान पूजा देवी, मंदिर समिति अध्यक्ष केसर सिंह कठैत, सचिव जगत किशोर बड़थ्वाल, संचालक नागेंद्र जुगराण आदि मौजूद रहे।



