पौड़ीः आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की नई पहल

पौड़ी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। स्थानीय युवाओं, पशुपालकों और मत्स्य पालकों को स्वरोजगार से जोड़ने की इसी नीति के तहत जनपद पौड़ी गढ़वाल में एक नई और प्रभावशाली पहल को मूर्त रूप दिया गया है।
पशुपालन विभाग द्वारा स्थानीय उत्पादों के लिए संस्थागत स्तर पर सुनिश्चित बाजार व्यवस्था विकसित की गई है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विशाल शर्मा और एसएसबी के केंद्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र श्रीनगर गढ़वाल के उप महानिदेशक के बीच सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौते के अंतर्गत अब एसएसबी के केंद्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र को भेड़, बकरी, पोल्ट्री (ब्रॉयलर) और अन्य मांस उत्पादों की नियमित, ताजा और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति स्थानीय पशुपालकों द्वारा की जाएगी। साथ ही जनपदीय मत्स्य प्रभारी द्वारा मछली आपूर्ति के लिए पृथक अनुबंध भी संपन्न किया गया है, जिससे जनपद के मत्स्य पालक भी इस अभिनव व्यवस्था से सीधे तौर पर जुड़ गए हैं।
यह पहल केवल बाजार उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्थानीय उत्पादकों के लिए स्थायी आय, मूल्य सुरक्षा और रोजगार सृजन का मजबूत आधार तैयार करती है। बिचौलियों की भूमिका सीमित होने से पशु पालकों और मत्स्य पालकों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
स्थानीय स्तर पर उत्पादन और उपभोग की इस व्यवस्था से परिवहन लागत में कमी आएगी, पर्यावरणीय प्रभाव घटेगा और क्षेत्रीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित होगा। मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. विशाल शर्मा ने इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान और वाइब्रेंट विलेज योजना की भावना के अनुरूप एक प्रभावी मॉडल बताया।
उन्होंने कहा कि भविष्य में इस सहयोग को और विस्तार दिया जाएगा, ताकि अन्य स्थानीय उत्पादों को भी इस प्रणाली से जोड़ा जा सके। यह पहल सुरक्षा बलों की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ नागरिक तंत्र और स्थानीय उत्पादकों के बीच सहयोग का एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करती है।



