देहरादून

महाराज ने शेखावत से ऐतिहासिक स्थलों पर शोध की मांग की

देहरादून। सूबे के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने ऐतिहासिक स्थलों पर शोध के लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखा। कहा कि सभ्यता और संस्कृति के दृष्टिकोण से इन जगहों पर अंकित लिपि का अनुवाद भी किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित पाषाणकालीन लखुडियार की पेंटिंग का इतिहास, जौनसार क्षेत्र में प्राचीन गुफाओं व सरस्वती नदी के उद्गम के रहस्य आदि पर भी पुरातत्व विभाग के माध्यम से शोध किया जाना चाहिए। ताकि नई पीढी को हमारी समृद्धशाली संस्कृति व इतिहास की जानकारी मिल सके।

उन्होंने कहा कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का विदेशों में भी अप्रत्यक्ष रूप से अनुसरण किया जाता है। इराक के कुर्द लोग अपने घर में मोर की फोटो लगाते हैं, यूरोप में बसे उत्तर भारत मूल के जिप्सी समाज के लोग हस्तरेखा देखकर भविष्य बताने का काम करते हैं।

उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से ऐतिहासिक स्थलों व विदेशों में हमारी संस्कृति को धारित किए विभिन्न जाति के लोगों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर इसमें शोध कराये जाने के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया जाए।

उन्होंने कहा कि सिन्धु घाटी सभ्यता की स्क्रिप्ट का अनुवाद कराने के साथ बलूचिस्तान के लोगों द्वारा अपनाई जाने वाली ब्राहुई भाषा हमारी तमिल, तेलगू और मलयालम से मिलती-जुलती है। कन्धार के लोग गन्धारी की संतान बतायी जाती हैं। ये सभी हमारी संस्कृति का अनुसरण करते हैं, इसलिए उनपर भी शोध करने की जरूरत है।

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