Kotdwar News : कोटद्वार। कण्वाश्रम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके पुर्णोद्धार के लिए शीघ्र ही योजनाएं धरातल पर उतारी जाएंगी। यह बात पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ‘कण्वाश्रम महोत्सव’ के दौरान कही।
कण्वाश्रम महोत्सव में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि भारत के प्राचीनतम विश्वविद्यालय और महर्षि कण्व की तपस्थली कण्वाश्रम कोटद्वार-भाबर क्षेत्र एक प्रमुख ऐतिहासिक व पौराणिक केंद्र है। यह शिवालिक की तलहटी में मालिनी नदी के दोनों तटों पर स्थित छोटे-छोटे आश्रमों का प्रख्यात विद्यापीठ रहा है। प्राचीनकाल में यहां उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा थी।
महाराज ने कहा कि कण्वाश्रम वही स्थान है जहां हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत का जन्म हुआ था। यह लगभग 3500 साल पुराना है, जो ऋषि वशिष्ठ और महर्षि ऋषि कण्व का आश्रम हुआ करता था। जिसका उल्लेख कई पुराणों और ग्रंथों में मिलता है।
उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि कण्वाश्रम महोत्सव आयोजन समिति कण्वाश्रम की ऐतिहासिक महत्ता, लोकप्रियता के दृष्टिगत प्रतिवर्ष बसंती पंचमी के शुभ अवसर पर कण्वाश्रम महोत्सव का आयोजन करता रहा है। इस बार इस आयोजन में बौद्धिक, सांस्कृतिक व खेल गतिविधियों का समागम किया गया है। राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक दलों को भी महोत्सव में आमंत्रित किया गया है। कहा कि राज्य सरकार द्वारा कण्वाश्रम में चक्रवर्ती सम्राट महाराज भरत की मूर्ति के निर्माण के लिए 79.74 लाख की वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। पहले चरण में 47,84,400.00 रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कण्वाश्रम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके पुर्णोद्धार के लिए शीघ्र ही योजनाएं धरातल पर उतारी जाएंगी।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक एवं स्पीकर ऋतु भूषण खंडूड़ी, आयोजन समिति अध्यक्ष राजगौरव नौटियाल, योगीराज विश्वपाल जयंत, मेला संयोजक मंजुल डबराल, वीरेन्द्र भारद्वाज, पार्षद सौरभ नौटियाल, मनीष भट्ट, भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष रामेश्वरी देवी, नगर अध्यक्ष नीना बैंजवाल, शशिबाला केष्टवाल, बीना रावत, सिमरन बिष्ट, रानी नेगी आदि मौजूद रहे।