दिल्ली में केदारनाथ मंदिरः ट्रांसपोटर्र और कारोबारियों ने किया प्रदर्शन

ऋषिकेश। चार धाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में परिवहन व्यवसाईयों और स्थानीय व्यापारियों ने दिल्ली में केदारनाथ धाम की प्रतिमूर्ति बनाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया।
बीती 10 जुलाई को बुराड़ी दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिपूर्ति क़े निर्माण का मुख्यमंत्री ने शिलान्यास किया था। जिसके बाद से उत्तराखंड में रोष है। व्यापारियों, हक़ हकूकधारियों और तीर्थ पुरोहितों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। ऋषिकेश में भी परिवहन व्यवसाईयों और स्थानीय व्यापारी इसके विरोध में सड़कों पर उतरे हैं।
उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय रावत कहा कि प्रदेश क़े सरकार देवभूमि की जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करती आ रही है। पूर्व में चार धाम यात्रा मे भी कई हित विरोधी फैसले लिए गए। यात्रा काल के चरम मे पंजीकरण व्यवस्था से हजारों तीर्थंयात्री बिना दर्शन क़े वापस लौट गए।
संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति क़े अध्यक्ष नवीन रमोला ने कहा कि एक सोची समझी नीति क़े तहत बड़े व्यापारियों को लाभ देने क़े उद्देश्य से दिल्ली में केदारनाथ की प्रतिमूर्ति का निर्माण कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री को जवाब देना चाएह कि केदारनाथ की कौन सी शिला को दिल्ली में विराजित किया गया?
प्रदर्शन में टीजीएमओ क़े उपाध्यक्ष यशपाल राणा, पूर्व अध्यक्ष बलबीर रौतेला, यातायात क़े संचालक दाताराम रतूड़ी, हरीश नौटियाल, पूर्व रोटेशन अध्यक्ष चन्दन पंवार, हेमंत डंग, प्रभारी मदन कोठारी, धनेश कंडियाल, बृजभानु प्रकाश गिरी बाबू, नवीन भट्ट, वरिष्ठ नेता संजय भारद्वाज, राज्य आंदोलनकारी रुकम पोखरियाल, प्रीतम चौहान, प्यार सिंह पंवार, राजाराम गोदियाल, बंटी तिवारी, मुकेश नेगी, राहुल डोभाल आदि शामिल थे।