आस्थाः दर्शनार्थियों के लिए खुले बाबा केदार के द्वार, Video
हजारों श्रद्धालुओं के साथ मुख्यमंत्री भी रहे मौजूद, श्रद्धालुओं पर हुई पुष्पवर्षा

Kedarnath Yatra 2023 : केदारनाथ/रुद्रप्रयाग। 25 अप्रैल। मंगलवार सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कड़ाके की ठंड के बीच हजारों श्रद्धालु कपाटोद्घाटन के साक्षी बने। इस दौरान श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। मंदिर को 35 कुंतल फूलों से सजाया गया था।
धाम में सुबह पांच बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ-साथ बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर रावल निवास से मंदिर परिसर में पहुंची। यहां रावल ने भक्तों को आशीर्वाद दिया। इसके बाद रावल और बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में प्रशासन की ओर से मंदिर के कपाट खोले गए। कपाट खुलते ही धाम महादेव के जयकारों से गूंज उठा। मुख्य पुजारी ने गर्भगृह में भगवान केदारनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए केदारनाथ के दर्शन शुरू हो गए।
केदारनाथ धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई। रावल भीमाशंकर लिंग और पुजारी शिवलिंग व धर्माचार्यों द्वारा पूजा अर्चना की गई। कपाट खुलते समय सेना के बैंड तथा भजन कीर्तन एवं जय केदार के उदघोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। धाम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ में पूजा-अर्चना कर देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं का स्वागत भी किया। उन्होंने भंडारा कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया। कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं। समाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने अपील की, कोई असुविधा न हो इसलिए श्रद्धालु मौसम की जानकारी लेकर ही बाबा केदार के दर्शन लिए आएं।
इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, विधायक केदारनाथ शैलारानी रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, जिला अध्यक्ष भाजपा सिंह महावीर पंवार, पूर्व अध्यक्ष भाजपा दिनेश उनियाल, जिलाधिकारी मयूर दिक्षित, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य कार्याधिकारी केदारनाथ योगेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।