छात्रों ने जाना न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी का महत्व
डाटा कैंपस ऋषिकेश में इंट्रोडक्शन टू न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्राम आयोजित

ऋषिकेश। डाटा कंप्यूटर और द इंस्टिट्यूट ऑफ़ कंप्यूटर एकाउंटेंट्स की ओर से डाटा कैंपस में इंट्रोडक्शन टू न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्राम आयोजित किया गया। कहा गया कि यह थेरेपी एक साइकोलॉजिकल अप्रोच है, जिसमें व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एनालाइजिंग स्ट्रैटेजीस का इस्तेमाल किया जाता है।
डाटा कैंपस में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विशाल अरोरा, एशियन मेमोरी चैंपियन प्रतीक यादव, सीए राज कुमार बतरा और संजीव सेमवाल की मौजूदगी में ICA के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल द्वारा मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ देकर किया गया। अरोरा ने Neuro-Linguistic Programming को लेकर बताया कि मस्तिष्क को किस तरह प्रशिक्षित कर सफलता प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी एक साइकोलॉजिकल अप्रोच है, जिसमें व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एनालाइजिंग स्ट्रैटेजीस (Analyzing Strategies) का इस्तेमाल किया जाता है। यह थेरेपी आपके विचारों, भाषा, बिहेवियर (Thoughts, language, behavior) इत्यादि से जुड़ी होती है। न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी (NLP) के अंतर्गत कुछ खास एलिमेंट का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें मॉडलिंग, एक्शन और इफेक्टिव कम्युनिकेशन (Modelling, Action and Effective Communication) का सामवेश होता है।
डाटा कंप्यूटर व ICA के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल कहा कि न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी से आप अपने मस्तिष्क को प्रशिक्षित कर सफलता को प्राप्त कर सकते है। इस दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा NLP पर प्रस्तुति दी गई। समापन पर प्रतीक यादव ने छात्रों को अपनी याददास्त बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। बताया कि छात्र छात्राएं व्यायाम और निरंतर प्रयास से अपने मस्तिष्क को प्रशिक्षित कर सकते है।
मौके पर दिवाकर मिश्रा, अंशिका गौर, अंशिका नेगी, सौरभ हर्षवाल, आंचल रावत आदि मौजूद रहे