उत्तराखंड

Uttarakhand: केंद्र पोषित योजनाओं का फंड करें शत प्रतिशत खर्च: CM

देहरादून। राज्य में संचालित केन्द्र पोषित योजनाओं के तहत प्राप्त होने वाली धनराशि का विकास कार्यों में शत प्रतिशत धनराशि खर्च किया जाए। इसके लिए विभागाध्यक्ष व सचिव की जिम्मेदारी तय की जाएगी। निगरानी के लिए शासन स्तर पर एक मॉनिटरिंग सेल बनाया जाए। केन्द्र को प्रस्ताव भेजे जाने और स्वीकृति के बाद विभागों के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए।

यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में केन्द्र पोषित योजनाओं एवं बाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये। निर्देश दिए कि केन्द्रपोषित योजनाओं के तहत योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए किसी भी विभाग को कोई समस्या आ रही है तो मुख्यमंत्री कार्यालय को समस्या से शीघ्र अवगत कराया जाए। संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर समाधान निकाला जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि विभिन्न विकास योजनाओं के तहत केन्द्र सरकार से धनराशि स्वीकृत होने के बाद फाइल अनावश्क रूप से शासन में लंबित न रहे। विभागीय सचिव अपने स्तर से स्वीकृत धनराशि जारी करें। कहा कि केन्द्र पोषित योजनाओं का राज्य को पूरा फायदा मिल सके, इसके लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। सभी विभाग अपनी ओर से बेस्ट परफार्मेंस दें। कहा कि ग्राम्य विकास विभाग के तहत जिन केन्द्र पोषित योजनाओं के तहत कार्य हो रहे हैं, मार्च 2024 तक विभाग ने इसके लिए क्या प्लान बनाया है, वह प्लान प्रस्तुत किया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवस्थापना विकास से सबंधित कार्यों में तेजी लाई जाए। कार्यदायी संस्थाओं के चयन के लिए विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद चयन प्रक्रिया अविलम्ब प्रारम्भ कराई जाए, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब न हो। राज्य की कार्यदायी संस्थाओं को पहले प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान 50 करोड़ रूपये से अधिक बजट की 22 विभागों की 42 केन्द्र पोषित योजनाओं की समीक्षा की। बाह्य सहायतित योजनाओं के कार्यों में भी और तेजी लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए।

बताया गया कि केन्द्रीय पोषित योजनाओं के तहत राज्य के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल 15 हजार 583 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में 31 जुलाई 2023 तक 04 हजार 204 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। जिसके सापेक्ष 01 हजार 759 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की जा चुकी है। 31 जुलाई 2023 तक बजट के सापेक्ष 27 प्रतिशत धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष अभी तक 42 प्रतिशत धनराशि व्यय की जा चुकी है। जबकि राज्य में 8338 करोड़ रूपये की 12 बाह्य सहायतित परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, जबकि 17165 करेाड़ की 10 बाह्य सहायतित परियोनाएं पाइपलाइन में हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, एल. फैनई, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, बृजेश कुमार संत, दीपेन्द्र चौधरी, डॉ. आर. राजेश कुमार, चन्द्रेश कुमार यादव, विजय कुमार यादव, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी आदि मौजूद थे।

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