गैरसैंणः चार दिन का मानसून सत्र दो दिन में पूरा
2 घंटे 40 मिनट चला सदन, अनुपूरक बजट और 9 विधेयक पास

गैरसैंण। भराड़ीसैंण विधानसभा में चार दिन के लिए प्रस्तावित मानसून सत्र दो दिन में ही सिमट गया। इन दो दिनों में सदन की कार्यवाही 2 घंटे 40 मिनट चली। सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। सत्तापक्ष ने सत्र के स्थगित होने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है।
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 19 से 22 अगस्त तक मानसून सत्र प्रस्तावित था। सरकार पूरे लाव लश्कर के साथ भराड़ीसैंण पहुंची और सदन की कार्यवाही शुरू हुई। लेकिन पहले दिन से ही विपक्ष के आक्रमक रूख के चलते सदन आठ बार स्थगित हुआ। यहां तक कि विपक्ष पर वेल में आकर तोड़फोड़ करने के आरोप भी लगे।
वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी विधायकों ने तोड़फोड़ के आरोपों को गलत बताया और सत्र की पहली रात सदन में ही बिताई। दूसरे दिन कार्यवाही शुरू होने पर फिर से हंगामा शुरू हुआ। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
पहले दिन अनुपूरक बजट और 9 विधेयक हुए पास
भराड़ीसैंण विधानसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामे के बीच नौ विधेयक पारित हुए। सदन ने 5315 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी पास किया।
सीएम धामी बोले-
जहां भी कांग्रेस चुनाव हारती है, वहां उसका हंगामा करना तय हो जाता है। लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करने के बजाय इस पार्टी ने बहानेबाज़ी और बवाल खड़ा करना ही अपनी नीति बना लिया है। जनता के स्पष्ट जनादेश को नकारकर भारत के लोकतंत्र का अपमान करना ही कांग्रेस की सबसे बड़ी आदत बन चुकी है।
संसदीय कार्यमंत्री उनियाल ने कहा-
गैरसैंण विधानसभा सत्र को सुचारू रूप से चलाने की सरकार की पूरी मंशा थी, ताकि जनता के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हो सके। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने पहले दिन से ही सदन की कार्यवाही को बाधित करने का कार्य किया। कांग्रेस की यह प्रवृत्ति प्रदेश के विकास और जन आकांक्षाओं के साथ अन्याय है। सदन बहस और समाधान का स्थान है, न कि होमस्टे बनाने का।