गांधी के लिए एक सामाजिक व्यवस्था थी ‘रामराज्य’: रामनाथ कोविंद
परिजनों संग परमार्थ निकेतन पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति, ऋषिकुमारों ने की पुष्पवर्षा

• स्वामी चिदानंद सरस्वती के साथ श्रीराम और गांधी के आदर्शों पर हुंई चर्चा
ऋषिकेश। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मंगलवार को सपरिवार परमार्थ निकेतन पहुंचे। इस अवसर पर स्वामी चिदानदं सरस्वती से मुलाकात के दौरान भगवान श्रीराम और महात्मा गांधी के आदर्शों, भारतीय संस्कृति, मूल्यों और संस्कारों पर गहन चर्चा हुई।
स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सविता कोविंद और उनकी बेटी स्वाति कोविंद का ऋषिकुमारों ने पुष्पवर्षा और वेदमंत्रों के साथ अभिनन्दन किया। चर्चा के दौरान स्वामी चिदानंद ने कहा कि भारतीयता केवल भूगोल नहीं बल्कि एक भाव है। जिसमें विविधता में एकता, संस्कृति में श्रद्धा और जीवन में सह-अस्तित्व की भावना रची-बसी है। यहां वेदों से स्वामी विवेकानन्द तक, श्रीराम से महात्मा गांधी तक हर विचार में मानवता का कल्याण समाहित है।
वहीं, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी के लिए ‘रामराज्य’ केवल धार्मिक अवधारणा नहीं, बल्कि एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था थी, जिसमें कोई भूखा न हो, कोई शोषित न हो। हर व्यक्ति को सम्मान, न्याय व अधिकार मिले। यह संकल्पना आज के युग में भी उतनी ही आवश्यक है, जितनी स्वतंत्रता संग्राम के समय थी।
उन्होंने स्वामी चिदानंद द्वारा संचालित गंगा एक्शन परिवार, ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस और स्वच्छता व जल संरक्षण अभियानों पर कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन में आकर मन को शांति और संतोष मिलता है। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने रामनाथ कोविंद को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। ।