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Diwali 2022: दीपावली के त्योहार को लेकर उल्लास के साथ ही आतिशबाजी के समय सावधानियां भी जरूरी हैं। थोड़ी से लापरवाही शारीरिक हानी के रूप में सामने आ सकती है। यह कहना है सामाजिक संगठनों से जुड़े डॉ. राजे सिंह नेगी का।
डॉ. नेगी ने बताया कि दिवाली के पर्व पर साज-सज्जा, खानपान, रंगोली से लेकर आतिशबाजी तक खूब धूम रहती है। लेकिन खासकर आतिशबाजी के दौरान अतिरिक्त सावधानी की जरूरत है। अक्सर लापरवाही जीवन के लिए मुश्किल भरी हो जाती है। इसलिए आतिशबाजी के दौरान सावधानी हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि दीपावली में पटाखों को लेकर लापरवाही के चलते हाथ और उंगली के अलावा सबसे ज्यादा आंखें प्रवाहित होने का डर रहता है। पटाखों के धुंवे के कारण आंखों में जलन, चुभन, लालिमा उभर सकती है। वहीं आतिशबाजी के दौरान आंखों पर लगी चोट घाव, खून के थक्के बनने या पुतली को भी नुकसान पहुंचा सकती है। रॉकेट का चेहरे से टकराने की आशंका रहती है।
बताया कि हरसाल दिवाली के बाद सबसे अधिक मरीज आंखों में चोट के सामने आते हैं। पटाखों के नजदीक से फटने से आंखों की रोशनी भी खराब हो सकती है। ऐसे में सावधानी ही सबसे पहला उपाय है। सलाह दी कि बच्चों द्वारा आतिशबाजी बड़े लोगों की मौजूदगी में ही करानी चाहिए।
यह रखें सावधानी
– पटाखे हमेशा शरीर से दूर रहकर ही चलाएं।
– आतिशबाजी के आसपास ज्वलनशील चीजों को हटा दें।
– पटाखे हमेशा खुले स्थानों पर ही जलाएं।
– आतिशबाजी के दौरान पानी से भरी बाल्टी आसपास रखें।
– पटाखे जलाने के लिए लंबी डंडी का प्रयोग करें।
– आंखों की सुरक्षा के लिए सुरक्षादायक चश्मे पहने।
– अनार जैसे पटाखे हमेशा दूर से ही जलाएं।
– छोटे बच्चों को कभी भी आतिशबाजी ना करने दें।
– पटाखों को जलाकर फेंके नहीं, चोट का खतरा हो सकता है।
– पटाखों को छूने के बाद उसी हाथ से आंखों को न छुएं।
– कोई केमिकल या पटाखों की चिंगारी आंखों में चली जाए तो तुरंत आंखों और पलकों को साफ पानी से धोएं।