प्रधानमंत्री मोदी के सुझावों पर हुआ तेजी से काम शुरू
मुख्यमंत्री धामी ने संबंधित विभागों को दिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए सुझावों को राज्य सरकार ने आगामी 25 वर्षों के विकास की आधारशिला मानते हुए, उन पर कार्य प्रारंभ कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित विभागों को प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन के अनुरूप ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए विचार उत्तराखण्ड के सर्वांगीण विकास का स्पष्ट रोडमैप प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की आत्मा आध्यात्म, पर्यटन और प्राकृतिक संपदा में निहित है, और उत्तराखण्ड को “Spiritual Capital fo the World” के रूप में विकसित किया जा सकता है।
धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र, आयुर्वेद केंद्र, नैचुरोपैथी संस्थान और होम-स्टे को मिलाकर एक संपूर्ण टूरिज्म एवं वेलनेस पैकेज तैयार किया जाए। साथ ही, प्रत्येक “वाइब्रेंट विलेज” को छोटे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने पर जोर दिया, जहां स्थानीय भोजन, संस्कृति और हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्थानीय मेलों और पर्वों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि पहाड़ी जिलों को हॉर्टिकल्चर हब के रूप में विकसित किया जाए, जहां ब्लूबेरी, कीवी, हर्बल और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग, हस्तशिल्प और ऑर्गेनिक उत्पादों से जुड़ी इकाइयों को सशक्त बनाकर स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएं। राज्य में तीर्थाटन, ईको-टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और बारहमासी पर्यटन को एकीकृत नीति के तहत बढ़ावा देने की योजना तैयार की जा रही है। उत्तराखण्ड को ‘वेडिंग डेस्टिनेशन’ के रूप में स्थापित करने के लिए 5 से 7 प्रमुख स्थलों को विकसित करने की रूपरेखा भी बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जीआई टैग प्राप्त उत्पादों और “हाउस ऑफ हिमालयाज” ब्रांड के तहत राज्य के उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाएगी।
धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का ‘विकसित भारत-2047’ का विजन उत्तराखण्ड के विकास के लिए प्रेरक है, और राज्य इस दिशा में अग्रणी बनने की क्षमता रखता है। उन्होंने अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ टाइमलाइन आधारित एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि इन योजनाओं को शीघ्र धरातल पर उतारा जा सके।



