ASI संरक्षित क्षेत्रों में की जाए प्रतिषिद्ध दूरी कमः महाराज

देहरादून। उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीन संरक्षित क्षेत्रों की प्रतिषिद्ध दूरी (restricted distance) को लेकर चर्चा की। उन्होंने उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत प्रतिषिद्ध दूरी को कम करने की मांग की है।
शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। कहा कि एएसआई के मानकों के अनुसार संरक्षित क्षेत्रों में प्रतिबंधित दूरी 100 मीटर निर्धारित है। जबकि देश में शहरी व पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियां भिन्न-भिन्न हैं। पर्वतीय राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों में इन मानकों का अनुपालन में मुश्किल होती है।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से लिखित अनुरोध किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थान की कमी के कारण 100 मीटर की परिधि में स्थानीय लोगों के आवासीय भवन आदि निर्मित होते हैं, जिसमें एक बड़ी आबादी निवास करती है। इसलिए एएसआई के 100 मीटर के प्रतिषिद्ध दूरी के मानक को जनहित में 30-40 मीटर किया जाना चाहिए।
मूर्ति विहीन मंदिरों में स्थापित हों मूर्तियां
महाराज ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में स्थित कटारमल सूर्य मंदिर में गुम्बद नहीं है। देशभर में कई मन्दिर मूर्तिविहीन हैं। जिनमें मूर्तियों की स्थापना को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
होटलों में लगें यह साइन बोर्ड
उन्होंने देशभर में कई होटलों और पेट्रोल पम्पों के शौचालयों में स्वच्छता और साइन बोर्ड नहीं लगे होने से पर्यटकों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। लिहाजा, होटलों के बाहर वेस्टर्न कमोड उपलब्ध होने संबंधी साइन बोर्ड लगाए जाने चाहिए। साथ ही पेट्रोल पम्पों में आम नागरिकों व विशिष्ट व्यक्तियों के लिए अलग टायलेट्स की व्यवस्था होनी चाहिए।



