एनडीएमए सदस्य सचिव ने ली राहत कार्यों की जानकारी

देहरादून। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विभागाध्यक्ष एवं सदस्य सचिव राजेंद्र सिंह ने शुक्रवार को धराली और आसपास के क्षेत्रों में संचालित राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने धराली में ग्राउंड जीरो में रेस्क्यू के साथ ही सड़क, संचार, विद्युत आपूर्ति की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी हासिल की।
उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्यों में एनडीएमए और भारत सरकार के स्तर से प्राथमिकता के साथ हर मदद उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने रेस्क्यू अभियान की चुनौतियों की जानकारी ली और केंद्रीय स्तर पर विभिन्न एजेंसियों को समन्वय बनाकर तेजी से राहत और बचाव कार्य करने को कहा।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि वर्तमान में विभिन्न स्थानों में सड़क बाधित होने के कारण रेस्क्यू अभियान में दिक्कतें आ रही हैं। हवाई सेवाओं के जरिए हर्षिल घाटी में फंसे लोगों को निकाल कर उनके गंतव्य पर भेजा जा रहा है।
राजेंद्र सिंह ने कहा कि धराली में राहत और बचाव कार्यों के लिए डोजर, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार के साथ ही अन्य सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन्हें एयरलिफ्ट कर सभी आवश्यक स्थानों पर वायुसेना के एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने धराली में मिलिट्री एंड सिविल कमांड पोस्ट के साथ ही इंसिडेंट कमांड पोस्ट को भी जल्द से जल्द सक्रिय करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों को सेक्टर में बांटते हुए सभी राहत एवं बचाव दलों की प्रत्येक सेक्टर के अनुसार तैनाती सुनिश्चित करने को कहा।
एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन, मेजर जनरल सुधीर बहल, कर्नल केपी सिंह, कर्नल नदीम अरशद और सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन और अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी बैठक में शामिल हुए। जबकि सेना, वायु सेवा, एनडीआरफ, मौसम विभाग, आईटीबीपी के अधिकारियों ने वर्चुअल प्रतिभाग किया।
अध्ययन के लिए जाएगा विशेषज्ञ दल
राजेंद्र सिंह ने कहा कि जल्द ही एक विशेषज्ञ दल आपदा के अध्ययन के लिए भेजा जाएगा। बताया कि एक विशेषज्ञ दल को विगत माह हिमाचल प्रदेश भेजा गया था। उस रिपोर्ट से भी पता चल सकेगा कि उत्तराखंड और हिमाचल में ऐसी घटनाएं क्यों घटित हो रही हैं। टीम पीडीएनए होने और अंतर मंत्रालय विशेषज्ञ दल के दौरे के तुरंत बाद भेजी जाएगी।
उन्होंने कहा कि एनडीएमए आपदा की इस घड़ी में उत्तराखंड के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है। कहा कि एनडीएमए अपने स्तर पर वित्त आयोग से उत्तराखंड के लिए विशेष प्रावधानों की सिफारिश करेगा ताकि पुनर्निर्माण कार्यों में धन की कोई कमी ना रहे।
उन्होंने बताया कि हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और औली में जल्द ही एक-एक डॉप्लर राडार स्थापित किए जाएंगे। इससे मौसम के पूर्वानुमान में बड़ी मदद मिलेगी। उन्होंने मौसम विभाग को प्राथमिकता तय करते हुए इन्हें जल्द स्थापित करने को कहा।