उत्तराखंड

Dehradun: वनाग्नि रोकने में मॉक ड्रिल से मददः सीएम

• मुख्यमंत्री ने वनाग्नि नियंत्रण पर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय भारत सरकार और उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आयेजित मॉक ड्रिल के दौरान वनाग्नि नियंत्रण के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

गुरुवार को आई.टी.पार्क स्थित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में आयोजित मॉक ड्रिल के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों के समाधान के लिए पिछली घटनाओं को ध्यान में रखकर आगे की योजनाएं बनाई जाए। वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए जन भागीदारी सुनिश्चित की जाए। विभागों के साथ ही सामाजिक व गैर सरकारी संगठनों, महिला व युवक मंगल दलों और वन पंचायतों का भी सहयोग लिया जाए। साथ ही वनों में आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी विभागों को एकजुटता से कार्य करना होगा। उन्होंने प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु को निर्देश दिए कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सभी विभागों की भागीदारी सुनिश्चत करने के लिए पत्र जारी किया जाए। शीतलाखेत मॉडल के साथ ही चाल-खाल, तलैया और अन्य प्रभावी उपायों पर कार्य किए जाएं। इसके लिए जलागम विभाग का भी सहयोग लिया जाए। आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर अधिक बल दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि से राज्य को अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ता है। वन संपदा के नुकसान के साथ ही पशु हानि भी होती है। वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए व्यापक स्तर पर नियमित जागरूकता अभियान चलाए जाए। नवाचारों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने प्रदेशवासियों से भी अपील की है कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में सक्रिय भागीदारी निभाए।

वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए संयुक्त रूप से आयोजित इस मॉक ड्रिल में 06 जनपदों के 16 स्थान चिन्हित किए गए। वनाग्नि के कारण विभिन्न परिस्थितियों का किस तरह समाधान करना है, रिस्पॉन्स टाइम कम करने, वनाग्नि को रोकने के लिए जन सहयोग और अन्य प्रभावी उपायों पर मॉक ड्रिल की गई ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की मॉक ड्रिल से जरूर वनाग्नि के समय उस पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वनाग्नि को रोकने के लिए राज्य को आधुनिक उपकरण देने पर भी मुख्यमंत्री ने आभार व्यक्त किया।

मौके पर राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन विभाग के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, आईजी फायर मुख्तार मोहसिन, एनडीएमए के सीनियर कंसल्टेंट आदित्य कुमार, अपर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, अपर सचिव विनीत कुमार, अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी और वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिलाधिकारी मौजूद रहे।

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