Uttarakhand: 2020 से पूर्व की योजनाओं का ब्यौरा तलब
सीएम ने सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज विभाग की बैठक ली

CM Uttarakhand took the meeting : देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्र और राज्यांश की 2020 से पूर्व से लंबित योजनाओं का ब्यौरा तलब किया है। ताकि उनकी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट व अन्य प्रक्रियाएं पूर्ण कर प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजी जा सके। सीएम ने अधिकारियों को लोकल प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने और ऑनलाइन मार्केटिंग सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड/25 के लक्ष्यों को लेकर ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज विभाग के रोडमैप की समीक्षा की। सीएम ने निर्देशित किया कि केन्द्रांश व राज्यांश की 90ः10 अनुपात वाली यदि 2020 से पूर्व की कोई योजना है, तो उसका ब्यौरा दिया जाए। उनकी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट व अन्य आवश्यक प्रक्रियाएं पूर्ण कर प्रस्ताव केन्द्र सरकार को जल्द भेजने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित किया जाए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने, मार्केटिंग की बेहतर व्यवस्थाएं करने और ऑनलाइन मार्केटिंग की व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। कहा कि जिन उत्पादों की अधिक मांग है, उनकी पूर्ति के इंतजाम भी किए जाएं। मुख्यमंत्री ने बैठकों में लिए जा रहे निर्णयों के क्रियान्वयन की कार्यवाहियों की जानकारी भी मांगी। सीएम ने गांवों में जारी विकास के कार्यों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने को भी कहा।
सीएम धामी ने कहा कि जिन योजनाओं में भारत सरकार के स्तर से सामग्री अंश के भुगतान में विलम्ब होने की स्थिति में रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था की जाए। प्रदेश की सभी ग्राम पचायतों को ओडीएफ प्लस करने, गावों में सोलर लाइट को बढ़ावा देने और ग्राम पंचायतों में कम्यूटरीकरण की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में जानकारी दी गई कि मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 150 लाख मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य रखा गया है। अमृत सरोवर एवं जल संरक्षण व संवर्धन की दिशा में अच्छा कार्य हो रहा है। मनरेगा, दीनदयाल अंत्योदय- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर में वित्तीय प्रगति गत वर्ष की तुलना में क्रमशः 44, 59 एवं 42 प्रतिशत अधिक रही। ग्रामीण विकास के माध्यम से आर्थिकी को दुगुना करने के लिए मनरेगा के तहत विभिन्न रेखीय विभागों के कन्वर्जेन्स की कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है। दीनदयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन वैल्यू चैन आधारित विपणन सुविधाओं के विकास पर कार्य किया जा रहा है। 2025 तक सवा लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक प्रदेश में 40 हजार लखपति दीदी बन चुकी हैं।
बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, नितेश झा, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव आनंद स्वरूप, नितिका खंडेलवाल आदि मौजूद रहे।