देहरादून

मुख्य सचिव ने किया धराली के रेस्क्यू ऑपरेशन का रिव्यू

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर धराली में संचालित राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने शासन और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा कर रेस्क्यू अभियान को और अधिक तीव्र गति से संचालित किए जाने को लेकर दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों को जल्द से जल्द बहाल किए जाने को लेकर सचिव लोक निर्माण विभाग तथा बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन के अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सड़कों को खोलने के लिए जो भी संसाधन बीआरओ को चाहिए, वह जल्द से जल्द उपलब्ध कराए जाएं।

मुख्य सचिव ने मातली को इस पूरे रेस्क्यू अभियान के लिए स्ट्रेटिजिक एरिया बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्राथमिकता तय करते हुए सबसे पहले बुजुर्ग, बीमार, महिलाओं और बुजुर्गों को रेस्क्यू करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों को गति देने के लिए सड़क, बिजली तथा संचार सेवाओं को बहाल किया जाना अभी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में लगातार युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गंगोत्री, हर्षिल तथा अन्य क्षेत्रों में जो भी यात्री फंसे हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है। राज्य सरकार, जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग एवं अन्य सभी एजेंसियां पूरी तत्परता के साथ रेस्क्यू एवं राहत कार्यों में जुटी हैं। मुख्यमंत्री स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने हेतु लगातार निर्देशित कर रहे हैं।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों को गति देने के लिए भारतीय सेना द्वारा उपलब्ध कराए गए चिनूक तथा एमआई-17 को चिन्यालीसौंड़ में ही तैनात किया जाए ताकि देहरादून से लग रहे अतिरिक्त समय को कम किया जा सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि धराली आपदा में घायल हुए लोगों को बेहतर से बेहतर उपचार दिया जाएगा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को डाक्टरों के साथ ही अन्य चिकित्सा स्टाफ तथा दवाइयों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रत्येक स्थल पर सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट नामित किया जाए ताकि रेस्क्यू अभियान में किसी तरह के भ्रम की स्थिति न रहे। उन्होंने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में भी सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट नामित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मानसून अवधि में सभी अधिकारियों को 24×7 अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से जिलाधिकारियों से प्रदेश में हो रही वर्षा से उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली तथा आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने वर्तमान में प्रदेश में मानसून की स्थिति, आने वाले दिनों में मौसम का पूर्वानुमान, अब तक हुई बारिश और प्रदेशभर में भूस्खलन के चलते बंद सड़कों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक संसाधन व उपकरण तैनात किए जाएं। सुनिश्चित किया जाए की 15 मिनट के भीतर जेसीबी तथा अन्य सभी आवश्यक उपकरण घटनास्थल पर पहुंच जाए। उन्होंने ग्रामीण सड़कों को तत्परता से खोलने के निर्देश दिए।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि एक बजे तक 274 लोगों को गंगोत्री एवं अन्य क्षेत्रों से हर्षिल लाया गया है व सभी सुरक्षित हैं। इनमें गुजरात के 131, महाराष्ट के 123, मध्य प्रदेश के 21, उत्तरप्रदेश के 12, राजस्थान के 6, दिल्ली के 7, असम के 5, कर्नाटक के 5, तेलंगाना के 3 तथा पंजाब के 01 लोग हैं, सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं तथा इनको उत्तरकाशी/देहरादून लाया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त, वर्तमान तक 135 लोगों को सुरक्षित हर्षिल से बाहर निकाला गया, जिसमें से 100 लोगों को उत्तरकाशी पहुँचाया गया है तथा 35 लोगों को देहरादून सुरक्षित भेजा गया है। इस प्रकार कुल 135 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर सुरक्षित गंतव्य तक उत्तरकाशी जनपद के धराली-हर्षिल क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के बाद, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा स्थानीय प्रशासन, ITBP, वायुसेना, एनडीआरएफ एवं अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों से अब तक दर्जनों लोगों को हेलीकॉप्टर की सहायता से सुरक्षित रूप से धराली-हर्षिल से आईटीबीपी मातली शिविर एवं जॉलीग्रांट (देहरादून) हेलीपैड तक शिफ्ट किया गया है। इस कार्य में विशेष रूप से चिनूक और एमआई-17 जैसे एयरलिफ्टिंग संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है।

सरकार की प्राथमिकता है कि प्रत्येक नागरिक की जान की सुरक्षा, त्वरित चिकित्सकीय सहायता और आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित की जाए। SDRF की टीमें निरंतर जोखिम उठाकर पहाड़ी और कठिन क्षेत्रों में भी पहुंच बना रही हैं, जिससे हर जरूरतमंद व्यक्ति तक राहत समय पर पहुंच सके।

राज्य सरकार आपदा की इस घड़ी में प्रत्येक प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है और “राहत, बचाव एवं पुनर्वास” को प्राथमिकता देते हुए सभी आवश्यक कदम तेजी से उठा रही है। वस्तुओं उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, जीओसी उत्तराखण्ड सब एरिया मेजर जनरल एमपीएस गिल, एडीजी एपी अंशुमान, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव डॉ. आर राजेश कुमार, सचिन कुर्वे, आईजी फायर श्री मुख्तार मोहसिन, एसीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप, एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो. ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

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