मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने की 36 विभागों की समीक्षा

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में पूंजीगत व्यय, केंद्र सहायतित, वाह्य सहायतित प्रोजेक्ट, नाबार्ड के साथ ही केपीआई और केओआई के संबंध में बाकी बचे 36 विभागों की समीक्षा की। विगत दिवस मुख्य सचिव ने 12 विभागों की समीक्षा की थी।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को सितंबर माह तक पूंजीगत बजट का 50 प्रतिशत खर्च करने का वर्कप्लान तैयार कर नियोजन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों को 15 अगस्त तक सभी प्रस्ताव अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देशित किया।
उन्होंने कहा कि लक्ष्यों को समय से हासिल करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए, इसके लिए संबंधित सचिव एवं विभागाध्यक्षों द्वारा पाक्षिक एवं साप्ताहिक समीक्षा की जाए। मुख्य सचिव ने पेयजल की गुणवत्ता जांच और आमजन के लिए प्रदर्शित किए जाने के लिए मैकेनिज्म तैयार किए जाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि साप्ताहिक रूप से पानी की गुणवत्ता प्रत्येक डिस्ट्रीब्यूशन टैंक के पास प्रदर्शित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेयजल गुणवत्ता की दृष्टि से जीरो आरओ की दिशा में कार्य करना है। उन्होंने सिंचाई विभाग को भी सौंग बांध परियोजना में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने वन विभाग को अगले 15 दिनों में सर्वाईवल नॉर्म्स को संशोधित करने के निर्देश दिए। कहा कि बायो फेंसिंग के लिए मॉडल फेंसिंग साइट विकसित साइट विकसित की जाए। कहा कि ‘की आउटकम इंडीकेटर‘ में ईको पार्क से पर्यटकों की संख्या में कितने प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई, ऐसे ही माउंटेनियरिंग और ट्रैकिंग के लिए भी अलग से केओआई निर्धारित किया जाए।
मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान एएनपीआर कैमरों को बढ़ाने और एसपीवी शीर्घ शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग को एएनपीआर कैमरों से हुए चालान की बिलिंग और संग्रह क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है।
प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, सचिव कुर्वे, दिलीप जावलकर, डॉ. वी. षणमुगम, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, अपर सचिव हिमांशु खुराना, मनमोहन मैनाली आदि अधिकारी मौजूद रहे।