पर्यावरणीय मंजूरी के बाद सौंग बांध निर्माण का रास्ता साफः महाराज
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देहरादून 06 मार्च 2024। सभी तकनीकी और राष्ट्रीय वन्यजीव अनापत्ति के साथ पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के बाद बहुप्रतीक्षित सौंग बांध परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। बांध के निर्माण से देहरादून शहर और आसपास के क्षेत्रों को पेयजल की पर्याप्त सुविधा मिल सकेगी।
यह जानकारी सूबे के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने जारी बयान में दी। बताया कि सौंग बांध पेयजल परियोजना जनपद के भविष्य की पेयजल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है। इससे देहरादून शहर और उपनगरीय क्षेत्रों के लिए 150 एमएलडी (1.75 क्यूमेक) पेयजल की आपूर्ति ग्रेविटी द्वारा सुनिश्चित की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि सौंग परियोजना की वर्ष 2023 के मूल्य स्तर पर आंगणित लागत 2491.96 करोड़ रुपये है, जिसका वित्त पोषण भारत सरकार के मद Special Asistance to States for Capital Expenditure के अंतर्गत किया जाना है। परियोजना का निर्माण 05 वर्षों में किया जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि परियोजना के दो कंपोनेंट हैं। प्रथम चरण में 2069.64 करोड की धनराशि की 130.60 मी. उंचाई का बांध निर्माण और 14.70 किमी वाटर कन्वेंस सिस्टम का निर्माण उत्तराखंड परियोजना विकास एवं निर्माण निगम लि. (सिंचाई विभाग का उपक्रम) द्वारा किया जाना है।
दूसरे चरण में 422.32 करोड की लागत से 85 किमी लम्बी जल वितरण प्रणाली एवं 150 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा किया जाना है। बताया कि परियोजना से प्रभावित 127.6712 हे. अंतिम चरण वनभूमि हस्तांतरण प्रस्ताव के अतिरिक्त समस्त वांछित स्वीकृतियां यथा तकनीकी स्वीकृतियां, अन्तर्राज्यीय व अन्तर्राष्ट्रीय अनापत्ति, राष्ट्रीय वन्यजीव अनापत्ति व पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि परियोजना निर्माण के फलस्वरूप 10.560 हे. निजी भूमि, 04 गांव (जिला देहरादून-प्लेड व जिला टिहरी गढवाल-ग्वाली डांडा चक सौंदणा, घुडसालगांव व रगडगांव) और 344 परिवार प्रभावित होने का आंकलन किया गया है। संबंधित प्रभावितों के पुनर्वास के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा अधिसूचित पुनर्वास नीति के प्राविधान के अनुसार पुनर्वास स्कीम आयुक्त, सौंग बांध पेयजल परियोजना, आयुक्त, गढ़वाल मण्डल द्वारा अनुमोदित की जा चुकी है।