भराड़ीसैंण में सीएम और विदेशी मेहमानों ने किया योगाभ्यास

गैरसैंण। 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण और आठ देशों के डेलिगेट्स ने योगाभ्यास किया। कार्यक्रम का शुभारंभ शंखनाद व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने योग नीति पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया। उन्होंने “एक वृक्ष, योग के नाम“ कार्यक्रम के तहत विधानसभा परिसर में सेब का पौधा भी लगाया।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार शीघ्र ही प्रदेश में आयुर्वेदिक व प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करेगी। कहा हम राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में दो नए नगर बसाने जा रहे हैं, जो योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के केंद्र बनकर वैश्विक मानचित्र पर राज्य की विशेष पहचान स्थापित करेंगे। जिसमें संपूर्ण विश्व से वेलनेस के क्षेत्र में काम करने वाले बड़े ग्रुप्स, आध्यात्मिक गुरुओं, संस्थानों को यहाँ आमंत्रित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विदेशी मेहमानों के सान्निध्य ने इस आयोजन को वैश्विक पहचान दी है। कहा भराड़ीसैंण, ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के साथ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र भी है। कहा आठ मित्र राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के साथ किया गया सामूहिक योगाभ्यास, देवभूमि उत्तराखंड को योग और अध्यात्म की वैश्विक राजधानी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ योग और अध्यात्म की भूमि भी है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से राज्य सरकार ने देश की पहली योग नीति 2025 को राज्य में लागू किया है। योग नीति उत्तराखण्ड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसके तहत प्रदेश में योग व ध्यान केंद्र विकसित करने पर अधिकतम 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध के लिए 10 लाख रुपये तक के अनुदान का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा राज्य सरकार का संकल्प है कि 2030 तक राज्य में पांच नए योग हब की स्थापना की जाएगी। मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ व वेलनेस सेंटर में योग सेवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी। कहा राज्य सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में रोजगार सृजन और पलायन की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अधिक से अधिक साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी कमेटी का भी गठन किया है। ये कमेटी प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नवाचार को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। हम युवाओं को उनके कौशल के अनुरूप पहाड़ में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, भारत में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, मेक्सिको दूतावास में आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डो डेनियल डेलगाडो, फिजी उच्चायोग के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी, नेपाल के राजदूत डॉ शंकर प्रसाद शर्मा, सूरीनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन, मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड, लातविया दूतावास में डिप्टी हेड ऑफ मिशन मार्क्स डीतॉन्स, भारत के श्रीलंका उच्चायोग के मिनिस्टर काउंसलर लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके, रूसी दूतावास में प्रथम सचिव क्रिस्टिना अनानीना, तृतीय सचिव कैटरीना लज़ारेवा, विधायक अनिल नौटियाल, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. विनय रुहेला, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार आदि मौजूद रहे।