ऋषिकेशस्वास्थ्य

कामयाबीः 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला के ब्रेन ट्यूमर की सफल सर्जरी

Aiims Rishikesh News : ऋषिकेश 18 मार्च 2024: एम्स के चिकित्सों ने 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला के ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी में कामयाबी हासिल की। यह आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और विशेषज्ञों की दक्षता से ही संभव हुआ। जिसे चमत्कार भी माना जा रहा हैं इस सफलता पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने डॉक्टरों की सराहना की।

चिकित्सकों के अनुसार बीते माह बुजुर्ग महिला को एक बड़े ब्रेन ट्यूमर से निजात दिलाने के लिए सर्जरी आवश्यक हो गई थी। इसके रोगी को गंभीर सिरदर्द, संज्ञानात्मक हानि, चलने-फिरने में कठिनाई, दुर्बलता व लकवा जैसे लक्षणों से गुजरना पड़ रहा था। महिला के बुजुर्ग होने चलते ऑपरेशन में जोखिम व चुनौती थी। चिकित्सकों ने न सिर्फ चुनौती को स्वीकार किया, बल्कि उसे अपनी दक्षता से अंजाम तक भी पहुंचाया। सर्जरी के बाद मरीज अस्पताल में ही स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं।

प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि एम्स ऋषिकेश में हम रोगियों को उच्च गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सफल सर्जरी उसका एक प्रमाण है। बताया कि ब्रेन ट्यूमर जैसे केस को सफलतापूर्वक अंजाम देने में चिकित्सकों जो कामियाबी हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि एम्स न्यूरो सर्जिकल विभाग नवीनतम तकनीकों और गैजेट्स से लैस है। यहां इंट्रा-ऑपरेटिव सीटी स्कैन, न्यूरो-एंडोस्कोपी और नेविगेशन सिस्टम स्थापित है।

डीन एकेडमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने कहा कि यह एक बड़ी चुनौती थी। उन्होंने वृद्धा का ऑपरेशन कराने के परिवार के फैसले की सराहना की। डॉ. जितेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि पांच घंटे तक चली सर्जरी प्रक्रिया की सफलता के लिए सटिकता, कौशल और न्यूरोसर्जिकल सिद्धांतों के तहत चिकित्सकों ने सर्जरी को कामयाब बनाकर बुजुर्ग महिला को जीवनदान दिया।

न्यूरो एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. संजय अग्रवाल ने बताया कि ट्यूमर की सफल सर्जरी न केवल एक चिकित्सकीय कार्यों में विजयी होने को प्रामाणिक करता है, बल्कि स्वयं में हमारे मरीज की ताकत और दृढ़ता का भी प्रमाण है। इसी के साथ हमने सर्जरी के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरती, और हमें सफल सर्जरी पर अपनी न्यूरो-एनेस्थीसिया टीम की सफलता की प्रसन्नता है।

सोशल मीडिया पर प्रशंसा
डॉ. जितेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि बुजुर्ग महिला की सफल सर्जरी की जानकारी मिलने के बाद सोशल मीडिया पर आम लोगां से शुभकामनाएं मिल रही हैं। लोगों ने मरीज के साहस और चिकित्सकीय टीम के असाधारण कौशल को सराहा है।

उम्र के कारण नजरअंदाज न करें
डॉ. जितेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि समाज को बुजुर्ग मरीजों को सिर्फ उनकी उम्र के कारण नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। खासकर ऐसे मामलों में विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श और उन्हें केस से अवगत कराना चाहिए।

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