ब्राह्मण महासभा ने की रक्षाबंधन पर्व की तिथि और समय पर चर्चा
Rakshabandhan Festival : ऋषिकेश। वैदिक ब्राह्मण महासभा की बैठक में रक्षाबंधन पर्व और उपाकर्म की तिथि व समय पर चर्चा की गई। बताया कि शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल में रक्षाबंधन व उपाकर्म निषेध माना गया है। इसलिए शास्त्र सम्मत तिथि और समय अवधि में ही पर्व को मनाया जाना चाहिए।
जनार्दन आश्रम दंडीवाड़ा मायाकुंड में आयोजित बैठक ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष मणिराम पैन्यूली की अध्यक्षता में आयोजित की गई। पैन्यूली ने बताया कि इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल के कारण लोग पर्व की सही तिथि को लेकर असमंजस में हैं। बताया कि 30 अगस्त को सुबह 10.59 बजे से पूर्णिमा तिथि आरंभ हो रही है। उसी समय भद्रा भी आरंभ होकर रात्रि 9 बजकर 05 मिन्ट तक रहेगी। अगले दिन पूर्णिमा तिथि प्रातः केवल 7 बजकर 06 मिनट तक ही है।
उन्होंने कहा कि शास्त्रों में अनेक प्रकार के कथन, उपाय और समाधान हैं, लेकिन शास्त्रों का भलीभांति अध्ययन के बाद ब्राह्मण का मत है कि भद्राकाल में रक्षाबंधन करना निषेध रहेगा। इसलिए रक्षाबंधन रात्रि में 9 बजकर 06 मिनट के बाद ही करना सही रहेगा। किसी कारण से रात्रि में रक्षाबंधन न हो सके तो 31 अगस्त को सूर्योदय से प्रातः 07 कर 05 मिनट तक भी किया जा सकता है। वहीं उपाकर्म की क्रिया 30 अगस्त को मध्याह्न के बाद करना उचित होगा।
बैठक में महासभा के महामंत्री महेश चमोली, उपाध्यक्ष जगमोहन मिश्रा, प्रवक्ता डॉ. जनार्दन प्रसाद कैरवान, कोषाध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल, सुभाष डोभाल आदि मौजूद थे।