
हरिद्वार। कैंसर को लेकर जागरुकता के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश ने रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम में नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। लोगों को कैंसर के लक्षण, बचाव और इलाज की जानकारी दी गई।
एम्स के शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा संचालित कैंसर जागरूकता अभियान के तहत कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को स्तन कैंसर के प्रति जागरुक किया गया। स्तन कैंसर के लक्षण पहचानने, जागरुक रहने के तौर तरीके बताए गए।
इस दौरान प्रोफेसर डॉ. सोमप्रकास बासु ने बताया कि प्रत्येक 4 में से 1 महिला को स्तन कैंसर की शिकायत रहती है। भारत में अभी भी इसके लक्षणों के प्रति लोग जागरुक नहीं हैं। आम महिलाओं द्वारा आज भी इसका इलाज कराने में देरी की जाती है। प्रो. डॉ. फरहानुल हुदा ने बताया कि स्तन कैंसर के उपचार में आवश्यकता के अनुसार सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी व हार्मोनल थेरेपी का उपयोग किया जाता है।
उन्होंने बताया कि कई मरीजों में उपचार के लिए पूरे स्तन को निकालना जरूरी नहीं होता है। निकालने की आवश्यकता पर दूसरा स्तन बनाया जा सकता है। डॉ. अमूल्या रेड्डी ने बताया कि किस प्रकार कोई भी महिला अपने स्तर से स्वयं स्तन परीक्षण करके स्तन में गांठ, चमड़ी का मोटापन, छाला या रक्तस्राव आदि की पहचान कर सकती है। वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर दीप्ति रावत ने परीक्षण की जानकारी दी। डॉ. विधु खरे व डॉ. निर्मल के. ने लोगों के सवालों का जबाव दिया।