देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड (पीओपी) में अंतिम पग भरते ही 319 जैंटलमैन कैडेट भारतीय सेना के अंग बन गए। साथ ही मित्र देशों के 68 कैडेट भी पास आउट हुए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली। उनके साथ में कमांडेंड लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्द्र सिंह और स्वॉर्ड ऑफ ऑनर विजेता आनमोल गुरुंग भी मौजूद रहे। इसके बाद भावी सैन्य अफसरों की भव्य मार्चपास्ट हुई।
समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कैडेट्स को अवॉर्ड से सम्मानित किया। संबोधन में राष्ट्रपति ने सभी को राष्ट्र की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने का आह्वान किया। उन्होंने जेंटलमैन कैडेट को उन चुनौतियों के बारे में बताया, जिनका आज हमारा राष्ट्र, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सामना कर रहा है। इस बात पर जोर दिया कि देश के आधुनिक समय के खतरों से निपटने के लिए केवल शारीरिक और मानसिक दृढ़ता ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि सैन्य अधिकारी के रूप में अधिकारियों को एक रणनीतिक मानसिकता विकसित करनी होगी। सैन्य कौशल को सुधारने के लिए मानसिक तौर पर मजबूत होना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में युद्ध की तकनीक बदल गई है। इसलिए सैन्य अधिकारियों को इन तकनीकों को अपनाना होगा।
149 रेगुलर कोर्स और 132 टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के कुल 387 जेंटलमैन कैडेट्स आज पासआउट हुए। इनमें 319 भारतीय सेना में शामिल हुए। 10 मित्र देशों के 68 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल हैं। अकादमी ने अपने बहादुर पूर्व कैडेट जनरल बिपिन रावत, पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को श्रद्धांजलि दी।
स्वॉर्ड ऑफ ऑनर का प्रतिष्ठित पुरस्कार एसीए अनमोल गुरुंग को प्रदान किया गया। जेंटलमैन कैडेट को ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान पर रहने के लिए स्वर्ण पदक एसीए अनमोल गुरुंग, दूसरे स्थान पर जेंटलमैन कैडेट के लिए रजत पदक बीओ तुषार सपरा, तीसरे स्थान पर जेंटलमैन कैडेट के लिए कांस्य पदक बीसीए आयुष रंजन को प्रदान किया गया। जीसी कुणाल चौबीसा को तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम से मेरिट के क्रम में प्रथम आने वाले जेंटलमैन कैडेट के लिए रजत पदक प्रदान किया गया। ऑटम टर्म 2021 के लिए 16 कंपनियों के बीच ओवरऑल फर्स्ट खड़े रहने के लिए केरेन कॉय को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर से सम्मानित किया गया।
विदेशी जीसी से मेरिट के क्रम में पहले स्थान पर रहने वाले जेंटलमैन कैडेट के लिए बांग्लादेश पदक बीओ सांगे फेनडेन दोरजी (भूटान) को प्रदान किया गया। इस पदक और बांग्लादेश ट्रॉफी की स्थापना इसी कार्यकाल से स्वर्णिम विजय वर्ष की स्मृति में की गई है।
पासिंग आउट परेड में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल रिटा. गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल रहे।
किस राज्य से कितने कैडेट पास आउट
उत्तरप्रदेश के 45, उत्तराखंड के 43, हरियाणा के 34, राजस्थान के 23, बिहार के 26, पंजाब के 22, मध्य प्रदेश के 20, महाराष्ट्र के 20, हिमाचल प्रदेश के 13, जम्मू कश्मीर के 11, दिल्ली के 11, तमिलनाडू् के 07, कर्नाटक के 06, आंध्र प्रदेश के 05, चंडीगढ़ के 05, केरल के 05, झारखंड के 04, वेस्ट बंगाल के 03, तेलंगाना के 03, असम के 02, छत्तीसगढ़ के 02, गुजरात के 02, मणिपुर के 02, मिजोरम के 02, ओडिशा के 02, नेपाल मूल (भारतीय सेना) 01। इसके अलावा मित्र देशों के 68 विदेशी कैडेट भी पासआउट हुए।