कांग्रेस के गढ़ में महीने भर से सेंध लगा रही भाजपा को अब कांग्रेस भी उसी की शैली में पटकनी देने के मूड में है। सियासी हलकों में आज इसी बात की चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस अपने कुछ पुराने सिपहसलारों की घर वापसी को तैयार हो गई है। इसकी शुरूआत संभवतः यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य को कांग्रेस में शामिल कर हो सकती है!
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि 2016 में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए यशपाल आर्य घर वापसी के मूड में हैं। इसकी वजह को लेकर जो चर्चा है वह यह कि किसान बहुल बाजपुर सीट पर यशपाल आर्य अपनी सीट निकलने को लेकर डरे हुए हैं। जबकि कांग्रेस के किसानों के समर्थन में आने से उन्हें यहां आना शायद मुनासिब लग रहा है।
सियासी हलकों में चर्चा है कि आर्य को वापस लेने पर हाइकमान राजी है। उनकी इस मसले पर अंदरखाने बातचीत भी हो चुकी हैं। माना यह भी जा रहा है कि यशपाल आर्य अकेले कांग्रेस में नहीं आएंगे। बल्कि उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य के भी कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा है।
खास बात यह भी कि कांग्रेस में रहते हुए यशपाल आर्य पूर्व सीएम हरीश रावत के करीबी माने जाते थे। लेकिन अचानक उनके बीच किसी मसले पर खटास आना उनकी भाजपा में रूखसति का कारण बना। हालांकि अब शायद आर्य भाजपा में खुद के राजनीतिक सफर को असुरक्षित मान रहे हैं। ऐसे में उन्हें अपना पुराना ठौर कांग्रेस ही मुफीद लग रही है।
क्हा यह भी जा रहा है कि आर्य के अलावा भी कई वापसी के अवसरों के जुगाड़ में हैं, लेकिन हरदा का विरोध फिलहाल उनकी घर वापसी में रुकावट बन रहा है। हरदा नाराजगी के संकेत अपने बयानों में कई बार दे भी चुके हैं।
खैर, आर्य भाजपा को छोड़ेंगे या उनके साथ अन्य भी कतार में खड़े हैं, यह सब सच भी हो सकता है और सिर्फ कयास भी।