
ऋषिकेश। गढ़ महिला उत्थान समिति की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में पारंपरिक नृत्य, वेशभूषा प्रतियोगिता और सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
छिद्दरवाला में स्मारोह का शुभारंभ एसडीएम स्मृता परमार ने किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृशक्ति का अहम योगदान रहा है। आज वह हर क्षेत्र में राज्य और देश का नाम रोशन कर रही हैं। कार्यक्रम अध्यक्ष जयेंद्र रमोला ने कहा कि उत्तराखंड की महिलाए राज्य की लोकसंस्कृति को देश दुनिया तक पहुंचाने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
समिति सदस्य अंशुल त्यागी और उषा भंडारी ने बताया कि समारोह में प्रतिभागी महिलाओं द्वारा गढ़वाली व गोरखाली नृत्य, एकल गायन, रैंप वॉक आदि में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की गई। वहीं मातृशक्ति ने लोक से जुड़े परिधानों सज-धज कर पारंपरिक वेशभूषा से लोकसंस्कृति के संरक्षण का संदेश दिया।
निर्णायक मण्डल की भूमिका शबनम थापा, एककला शर्मा व सुनीता पोखरियाल ने निभाई। मौके पर गोकुल रमोला, स्नेहलता भंडारी, दीपा चमोली, अल्का छेत्री, ईशा कलूड़ा चौहान, लक्ष्मी उनियाल, सुमनरानी, कृष्णा रमोला, उमा ओबरॉय, वंदना रमोला, कुसुम जोशी, रामेश्वरी चौहान, लक्ष्मी बुढ़ाकोटी, पुष्पा रावत, कोमल थापा, रवि राणा, केके थापा, गजेन्द्र विक्रम शाही, विजयपाल पंवार, सजीव चौहान, संजय पोखरियाल, रीना रागंड, दिव्या बेलवाल, पूरण चन्द रमोला, त्रिलोक बेंदवाल, मानसी सती, तानिया पंवार आदि मौजूद रहे।
प्रतियोगिताओं में यह रहे अव्वल
एकल नृत्य में शगुन थापा पहले, रीता थापा दूसरे और सानिया उनियाल तीसरे स्थान पर रही। सामूहिक नृत्य में कोमल ग्रुप पहले, अर्चना ग्रुप दूसरे और एकता समूह गढ़ी मयचक व गढ़वाली सांस्कृतिक समूह रायवाला तीसरे स्थान पर रहे। वेशभूषायुवा में पूर्णिमा ठाकुरी पहले, श्रेया कंडवाल दूसरे, वरिष्ठ में 74 वर्षीय अमरा बिष्ट व शगुन थापा अव्वल रहे।