Badrinath Avalanche: ग्लेशियर में दबे 57 मजदूर, 16 मजदूर निकाले
• सीएम धामी कर रहे लगातार मॉनिटरिंग, हेली सेवाएं भी अलर्ट पर

• सेना समेत रेस्क्यू टीमें मौके पर, बर्फवारी से आ रही बाधा
Badrinath Avalanche Update : पिछले कई दिनों से भारी बर्फवारी के बीच शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे बदरीनाथ से आगे माणा कैंप के पास अचानक से ग्लेशियर टूट गया। जहां सीमा सड़क संगठन के 57 मजदूर ग्लेशियर की चपेट में आ गए। सूचना मिलते ही सेना, आईटीबीपी के जवानों ने तत्काल रेस्क्यू शुरू किया। वहीं एसडीआरएफ और प्रशासनिक टीमें भी मौके पर पहुंची। रेस्क्यू के दौरान अब तक 16 मजदूरों को सुरक्षित निकाले जाने और 41 के लापता होने की खबर है। रेस्क्यू टीमें मौके पर लगातार जुटी हुई है। हालांकि खबर है कि भारी हिमपात के कारण रेस्क्यू का काम बाधित भी हुआ।
बदरीनाथ और आसपास के इलाकों में पिछले तीन दिनों से हिमपात जारी है। खबरों के मुताबिक शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे माणा गांव के पास कुबेर पर्वत से अचानक हिमस्खलन हो गया। जहां पास में ही बीआरओ के ठेकेदार के तहत मजदूर रह रहे थे। अकस्मात ग्लेशियर टूटने से 57 मजदूर उसकी चपेट में आ गए।
जैसे ही घटना की सूचना मिली, पास में ही सेना और आईटीबीपी के जवानों ने मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू शुरू किया। वहीं जोशीमठ से एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीमें भी घटनास्थल के लिए रवाना हुई। रेस्क्यू के दौरान बचाव दलों ने 15 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया। इस दौरान भी हिमपात जारी था। रेस्क्यू किए गए मजदूरों में से घायलों को पास में ही सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि हिमस्खलन की चपेट में आए मजदूरों में उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पंजाब के रहने वाले हैं। जो कि बीआरओ की कार्यदायी संस्था में मातहत यहां काम को रह रहे थे। उधर, मौसम की विपरीत परिस्थितियों में अन्य श्रमिकों को बचाने के हर संभव प्रयास किए जा रह हैं।
खबरों के अनुसार हिमपात के चलते बंद हाईवे को खोलने के प्रयास शुरू होने के साथ ही हेली सेवाओं को भी अलर्ट पर रखा गया है। एसडीआरएफ की हाई अल्टीट्यूड टीमें को भी जरूरत पड़ने पर भेजने के लिए तैयार रखा गया है।
उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी हादसे के बाद से लगातार नजर बनाने के साथ ही आला अधिकारियों के साथ मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह ने भी घटना का संज्ञान लेकर हर संभव मदद की बात कही है। प्रशासन सेना के साथ समन्वय स्थापित कर रेस्क्यू के प्रयासों में जुटा हुआ है।