सियासत

… तो सालभर पहले ही रच दी गई थी ‘शंभू पासवान’ के लिए पटकथा !!

• धनेश कोठारी

Rishikesh politics: भारतीय जनता पार्टी ने रविवार की रात नगर निगम ऋषिकेश की आरक्षित सीट पर आखिरकार शंभू पासवान के टिकट पर मुहर लगा ही दी। जिसके बाद से शंभू पासवान को टिकट मिलने के तमाम आधारों पर कयास लगने शुरू हो गए हैं। बताते हैं कि शंभू पासवान को मेयर प्रत्याशी बनाने की पटकथा एक साल पहले से ही लिखी जानी शुरू हो गई थी।

ऋषिकेश नगर पालिका के नगर निगम बनने के बाद वर्ष 2018 के पहले चुनाव के वक्त भी भाजपा में दावेदारों में आखिरी वक्त तक रस्साकस्सी का दौर चला, आखिरी में अनिता ममगाईं का टिकट फाइनल हुआ। जिस पर पार्टी के भीतर और बाहर आश्चर्य जताया गया था। हालांकि अनिता ममगाईं को टिकट देने का पार्टी का फैसला काम आया और ऋषिकेश नगर निगम की पहली मेयर सीट भाजपा के खाते में गई।

जानकार बताते हैं तभी से ऋषिकेश क्षेत्र में पावर सेंटर बनने की होड़ कभी रुकी नहीं। यहां तक कहा जाता है कि इसबार ऋषिकेश मेयर सीट का आरक्षित होना भी इसी आपसी खींचतान का परिणाम है। यह भी कि इसकी पटकथा रचने का ‘असल’ खेल करीब एक-डेढ़ साल पहले शिद्दत से शुरू हुआ था और इसके केंद्र में तभी से भाजपा के मौजूदा मेयर प्रत्याशी शंभू पासवान रहे।

खास बात कि करीब एक साल पहले पार्टी एक सूत्र ने मुनिकीरेती में चर्चा के दौरान जिक्र किया था, कि अगले निकाय चुनाव में ऋषिकेश मेयर सीट को आरक्षित कर ‘शंभू पासवान’ को टिकट दिया जाएगा। तब इस बात को हल्के में लिया गया। लेकिन इसबार मेयर सीट के आरक्षित होते ही उपरोक्त राजनीतिक भविष्यवाणी सच होती दिखी और शंभू पासवान के प्रत्याशी तय होने पर यह सियासी भविष्यवाणी पूरा सच रच गई।

दो मंत्री और एक पूर्व राज्यमंत्री की करीबी
ऋषिकेश मेयर सीट पर भाजपा से शंभू पासवान को टिकट मिलने का एक आधार उनके दो मौजूदा कैबिनेट मंत्रियों एक पूर्व राज्यमंत्री का करीबी होना भी माना जा रहा है। शंभू पासवान पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर मुनिकीरेती नगर पंचायत में अध्यक्ष रहे। 2016 में सुबोध उनियाल ने कांग्रेस से भाजपा में पाला बदला तो शंभू पासवान समेत उनके तमाम समर्थक भी भाजपा में आ गए। 2018 के निकाय चुनाव के बाद शंभू पासवान की कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से भी नजदीकियां बढ़ी। वहीं पेशे से ठेकेदार शंभू पासवान का पूर्व राज्यमंत्री भगतराम कोठारी से भी लंबे समय से साथ रहा है। लिहाजा, इन नजदीकियों से भी पासवान को टिकट मिलने से जोडा जा रहा है।

सामाजिक गणित भी एक वजह
नगर पालिका से नगर निगम में उच्चीकृत होने के बाद ऋषिकेश से जुड़े बापूग्राम, मीरानगर, शिवाजीनगर, ऋषिकेश ग्रामसभा को अधिकांशतः पहाड़ी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। पहली मेयर अनिता ममगाईं की जीत में भी यह क्षेत्र मददगार बताया गया। मगर, इसबार यह सीट आरक्षित कर दी गई। ऐसे में भाजपा के पास आरक्षित वर्ग में पहाड़ी समाज से कोई कदावर नाम सामने नहीं आया। दूसरा, ऋषिकेश में पूर्वांचल समाज की बहुतायत, मैदान वर्ग में पार्टी का मजबूत आधार और भाजपा के पक्ष वाला पहाड़ी समाज जैसे समीकरणों के चलते माना जा रहा है कि पूर्वांचल समाज से आने वाले शंभू पासवान के नाम को फाइनल किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button