Breaking: सोशल मीडिया पर ‘हरदा’ की तीखी पोस्ट
बोले- सत्य को नकारा नहीं जा सकता, नकारेंगे तो नुकसान उठाना पड़ेगा

Lok Sabha Election Uttarakhand : लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर जहां भाजपा ने उत्तराखंड की पांच में से तीन सीटों पर प्रत्याशी तय कर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाई है, वहीं कांग्रेस अभी चुनावी मोड से बाहर दिख रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) ने पार्टी के चुनाव प्रबंधन, सांगठनिक समन्वय समेत संभावनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी पोस्ट लिखी है।
बकौल हरीश रावत सनद रहे, चुनाव प्रबंधन मेरा एक मासूम सा उद्बोधन! उत्तराखंड में सबसे ज्यादा अलग-अलग परिस्थितियों में चुनाव लड़ने और लड़ाने के अनुभवजन्य ने शब्द चुनाव प्रबंधन, चुनाव प्रबंधन मात्र उम्मीदवार चयन नहीं है, उसके बाद हर लोकसभा क्षेत्र में समन्वय, उम्मीदवार और उम्मीदवारी की चाह रखने वाले लोगों के मध्य, उम्मीदवारी की चाह रखने वाले लोगों के समर्थक के मध्य, आज की स्थिति में तो अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में विधायक या विधायकी के पूर्व उम्मीदवारों और जिला कांग्रेस व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के मध्य भी समन्वय का अभाव दिखाई दे रहा है। सत्य नकारा नहीं जा सकता है। नकारेंगे तो नुकसान उठाना पड़ेगा।
हरदा ने लिखा है कि चुनाव प्रबंधन में प्रचार प्रबंधन भी महत्वपूर्ण है, प्रचारकों के साथ मीडिया मैनेजमेंट और दुष्प्रचार मैनेजमेंट भी आवश्यक है, 2022 में एक सफेद झूठ को भयंकर दुष्प्रचार का रूप दे दिया गया, हम चुनाव प्रचार के दौरान उसका सफल प्रतिरोध नहीं कर पाए परिणाम स्वरूप जीतती बाजी हार गये। प्रबंधन की चूक के साथ-साथ संभावित स्थानीय प्रबंधकों के चुनाव में अपने-अपने चुनाव में जुटे रहना, झूठ का व्यवस्थित पर्दाफाश न करना भी एक वास्तविकता है।
इस बार सौभाग्य से हमारे पास उत्तराखंड में कुछ अतिरिक्त दैवीय मददें उपलब्ध हैं, जिनमें कई जनवादी संगठन और हमारे गठबंधन के सहयोगी दल, उनकी क्षमताओं के उपयोग का प्रबंधन करना भी एक बड़ी आवश्यकता है। चुनाव जीतने के लिए, विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रबंधन की कमी यदि हम 2022 की स्वीकारते हैं तो फिर हमको यह नहीं भूलना चाहिए कि लोकसभा का चुनाव वह भी उत्तराखंड जैसी विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य के अंदर, क्या 20 दिन के अंदर एक उम्मीदवार उपरोक्त सभी प्रबंधन संभालने की स्थिति में है? क्या को-ऑर्डिनेशन उम्मीदवार के स्तर पर संभव है ? चुनाव प्रबंधन प्रांतीय स्तर पर ही नहीं, लोकसभा स्तर पर भी आवश्यक है और उस प्रबंधन का नक्शा कहीं दिखाई नहीं दे रहा है!!
यह भी लिखा कि हां एक झलक पांच कोऑर्डिनेटर्स की नियुक्ति है, मगर उन नियुक्तियों से आगे का रोड मैप पूरी तरीके से ओझल है, फिर भी एक पक्षीय सोच के साथ प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। मीडिया तो छिद्र खोजेगा, मगर हमें शब्दों के छिद्रों में फंसने के बजाए पारस्परिक विश्वास से काम लेना चाहिए, अब भी देर नहीं हुई है। मैंने अपने अनुभव आधारित ज्ञान को सार्वजनिक कर दिया है ताकि भविष्य के लिए सनद रहे कि हरीश रावत ने सारी कटुताएं और आलोचनाएं झेल कर भी अपना कर्तव्य पूरा किया।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया की इस पोस्ट में कांग्रेस पार्टी के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, उत्तराखंड कांग्रेस, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, उत्तराखंड प्रभारी कुमारी शैलजा, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को टैग किया है।