उत्तराखंडस्वास्थ्य

आयुर्वेद असाध्य रोगों के उपचार के लिए संजीवनीः सुबोध उनियाल

जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय स्वास्थ्य शिविर शुरू

नरेंद्रनगर। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया। कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में ऐसे शिविर कारगर साबित हो सकते हैं।

रविवार को नगरपालिका टाउन हॉल में आयोजित स्वास्थ्य शिविर के शुभारंभ पर मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पहाड़ों में आयुर्वेद चिकित्सा, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, असाध्याय रोगों को समाप्त करने और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता के लिए इस तरह के शिविरों का बड़ा महत्व है। कहा कि हिमालय जड़ी बूटियों का भंडार है, यहां ऐसी जड़ी बूटियां उपलब्ध हैं जो असाध्याय रोगों के इलाज में रामबाण का काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि शिविर से लोगों में आयुर्वेद के प्रति रुचि बढ़ेगी, उनके इलाज में जड़ी-बूटियां संजीवनी साबित होंगी। यह हमारे आध्यात्मिक से भी जुड़ा है। कहा कि जब लक्ष्मण को शक्ति लगी तो हिमालय की जड़ी बूटी इलाज के प्रयोग में लाई गई। कहा कि आज दुनिया में भारतीय योग और आयुर्वेद से देश का मान सम्मान बढ़ने के साथ विश्व इन्हें अपनाने को भी अग्रसर है।

इस अवसर पर डॉ सुभाष चंद्र ने आयुर्वेद के सिद्धांतों और अवधारणाओं पर प्रकाश डाला। कहा कि आयुर्वेद को रोगों के उपचार और स्वस्थ जीवन शैली व्यतीत करने का सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता है। डॉ. दिनेश जोशी ने कहा कि आयुर्वेद भारत की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। आयुर्वेद में वात, गठिया नसों व जोड़ों के दर्द, कमर, गर्दन, साइटिका, संधिवात, आम वात, वात रक्त, मधुमेह, उच्च रक्तचाप व त्वचा संबंधी असाध्य बीमारियों से छुटकारा दिलाने की सामर्थ्य है।

मौके पर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. सुशांत मिश्रा, डॉ. मणि कुमार, डॉ. मधु उपाध्याय, डॉ. मीनाक्षी किथोरिया, डॉ. भास्कर आनंद शर्मा, डॉ. वंदना डंगवाल, गंगा प्रसाद डोभाल, द्वारिका प्रसाद जोशी, कैलाश चंद्र भट्ट, रमेश चंद्र सती, पूजा बहुगुणा, ऋचा पुरसोड़ा, रविंद्र सिंह, सतीश चंद्र, दिनेश पैन्यूली आदि मौजूद रहे।

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