रेड राइडर्स को भाया कोटली भेल ट्रैकिंग रूट
डीएम पौड़ी डॉ. आशीष चौहान की पहल को बताया नई सोच
Kotli Bhel Trekking Route : ऋषिकेश। ऋषिकेश के पास कोटली भेल पहाड़ी पर हाल ही में विकसित 16 किलोमीटर लंबा ट्रैकिंग रूट सैलानियों का पसंदीदा डेस्टिनेशन बन रहा है। रेड राइडर साइक्लिंग कम्युनिटी के सदस्यों ने इस ट्रैक पर आज एक यादगार यात्रा की।
जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान की पहल पर विकसित इस ट्रैकिंग रूट से स्थानीय पर्यटन को नहीं ऊर्जा मिली है। में एक नई जान फूंकी गई है। रेड राइडर साइक्लिंग कम्युनिटी ने इस पहल को पर्यटन प्रकृति संरक्षण के प्रति एक नई सोच बताया है।
रेड राइडर साइक्लिंग कम्युनिटी द्वारा की गई कोटली भेल ट्रैकिंग रूट की यात्रा में डॉ. अपूर्व त्रिवेदी, देवेंद्र राजपूत, डॉ. नीति गुप्ता, नीरज शर्मा, विपिन शर्मा, राजेश सूद, विक्रम शेडगे, माधव सूद, डॉ. विजय, और डॉ. आनंद शामिल थे। इन सदस्यों ने इस नवनिर्मित ट्रैक के अन्वेषण के दौरान प्राकृतिक सुंदरता और उसके संरक्षण पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने डीएम पौड़ी गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान को इस नवीन पहल के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही ट्रैकर्स से इस क्षेत्र की स्वच्छता और इसकी पवित्रता का सम्मान करने की अपील भी की। उनका मानना है कि प्रकृति के प्रति सम्मान और संरक्षण हमारी साझा जिम्मेदारी है।
बता दें, इस ट्रैक को लोनिवि द्वारा गरतांग गली की तर्ज पर विकसित किया गया है। इस ट्रैक का विकास न केवल पर्यटकों को एक नया अनुभव प्रदान करता है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ाता है। इसका इतिहास भी काफी रोचक है, जो ब्रिटिश शासनकाल में इस पर पैदल यात्रा तक जाता है।
इस ट्रैक तक पहुंचने के लिए ऋषिकेश से बदरीनाथ हाईवे पर महादेवचट्टी धार तक जाना होगा, और वहां से पैदल गंगा नदी की ओर उतरकर झूला पुल पार करने के बाद रामपाटी होते हुए कोटली भेल ट्रैकिंग रूट तक पहुंचा जा सकता है।
रेड राइडर्स ने कहा कि इस ट्रैक पर यात्रा गतिविधियां शरीर और मन को स्वस्थ रखने का एक उत्कृष्ट तरीका हैं, जो आज के व्यस्त कार्यक्रम और काम के तनाव के युग में बेहद आवश्यक है। इन गतिविधियों के माध्यम से न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है, बल्कि ये हमें प्राकृतिक सौंदर्य की सराहना करने और उसके संरक्षण के महत्व को समझने का भी अवसर प्रदान करती हैं।