बदरीनाथ धाम से पांडूकेश्वर पहुंची देवडोलियां
शीतकाल में उद्धव और कुबेर करेंगे प्रवास, शंकराचार्य गद्दी कल जोशीमठ पहुंचेगी
जोशीमठ। बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट बंद होने के बाद विग्रह स्वरूप उद्धव व कुबेर जी की डोली के साथ ही आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी योगध्यान बदरी पांडूकेश्वर (Yog Dhyan Badri Pandukeshwar) पहुंची। इस अवसर पर डोली का कई जगहों पर भव्य स्वागत किया गया। शीतकाल में भगवान बदरीनाथ की पूजा अर्चना यहीं होगी।
रविवार को सुबह करीब 10 बजे बदरीनाथ से भगवान बदरी विशाल के विग्रह उद्धव और बामणी गांव से कुबेर जी की डोली के साथ आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी ने गढ़वाल स्काउट के बैंड बाजों के साथ पांडूकेश्वर के लिए प्रस्थान किया। दोपहर में रावत ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के सानिध्य में डोलियां और शंकराचार्य की गद्दी ने पांडूकेश्वर में प्रवेश किया। इससे पूर्व हनुमान चट्टी, बिनातोली, लामबगड़, पांडुकेश्वर बाजार में श्रद्धालुओं ने देवडोलियों के दर्शन किए और पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया।
शीतकाल में कुबेर जी व उद्धव जी पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे। जबकि 20 नवंबर को शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर पहुंचेगी।
इस अवसर पर नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, सीओ पुलिस एचएस रावत, स्वामी मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, संत आत्मनंद, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, पांडुकेश्वर ग्राम प्रधान बबीता पंवार, दिगंबर पंवार सोमेश पंवार, रितेश सनवाल, उत्तम मेहता, जसबीर मेहता, पुजारी परमेश्वर डिमरी, नवीन भंडारी, बीरेंद्र भंडारी, राघव पंवार, विकास सनवाल, अमित पंवार, राजदीप सनवाल, राजेश नंबूदरी आदि मौजूद रहे।