देहरादूनसंस्कृति

उत्तराखंड के पहले हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने किया प्रतिभाग, 4 दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव निनाद भी शुरू

Uttarakhand’s first Himalayan Cultural Center inaugurated

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नीबूवाला गढ़ी कैंट में उत्तराखंड के पहले हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने चार दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव निनाद की शुरूआत करने के साथ सांस्कृतिक केन्द्र में संग्रहालय, प्रेक्षागृह, कलादीर्घा, पुस्तकालय और नाट्यशाला को भी देखा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जहां प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सजीव चित्र हमारे सामने रखेगा, वहीं सरकार की संस्कृति के संरक्षण-संबर्द्धन व विकास के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाएगा। यह सांस्कृतिक केन्द्र हमारी समृद्ध ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत को एक स्थान पर संग्रहीत कर प्रदर्शित करने का एक अनूठा प्रयास है, जिससे हमारी भावी पीढ़ी को अपनी अमूल्य धरोहर को जानने एवं समझने का अवसर प्राप्त होगा।

उन्होंने कहा कि इस केन्द्र में स्थापित वृहद संग्रहालय में अनेक कलाकृतियां, मूर्तिकला आदि संग्रहित हैं। इसके साथ ही हमारी पारम्परिक एवं समकालीन कला को भी प्रदर्शित करने का प्रयास सराहनीय है। यहां लोक साहित्य एवं लोक भाषा पर आधारित पुस्तक प्रदर्शनी भी प्रदर्शित की गयी है, जिसमें उत्तराखंड जन आन्दोलन से जुड़े साहित्य को भी सम्मिलित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने फिल्म जगत से जुड़े प्रदेशवासियों से अपेक्षा की कि वह देश व दुनिया में अपने साथ उत्तराखंड का नाम रोशन करने में भी मददगार बने। कहा कि एक भारतीय दुनिया में कहीं भी रहे, कितनी ही पीढ़ियों तक रहे, उसकी भारतीयता, उसकी भारत के प्रति निष्ठा, कभी कम नहीं होती। इसका कारण हमारी विशिष्ट सांस्कृतिक चेतना है, जिसमें भारत उसके दिल में हमेशा जीवंत रहता है। भारत एक राष्ट्र होने के साथ ही एक महान परंपरा है, एक वैचारिक अधिष्ठान है, एक संस्कार की सरिता है। भारत वो शीर्ष चिंतन है- जो वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है। भारत दूसरे के नुकसान की कीमत पर अपने उत्थान के सपने नहीं देखता। भारत सर्वे भवन्तु सुखिन की कामना करते हुए अपने साथ सम्पूर्ण मानवता के कल्याण की कामना करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में हमें एक ऐसा नेतृत्व मिला जिसने भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने का बीड़ा उठाया और उस पर ठोस कार्य भी प्रारंभ किया। उन्होंने आज देश के साथ ही विदेश में रहने वाले भारतीयों के मन में पुनः सनातन संस्कृति की अलख जगाने का भी कार्य किया है। उनके नेतृत्व वाली सरकार न सिर्फ देश का भौतिक विकास कर रही है, बल्कि दुनियाभर में भारत की सनातन संस्कृति की कीर्ति पताका को फहराने का कार्य भी कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब हम आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाते हैं, तो विश्व के लिए प्रगति की नई संभावनाएं खोलने की बात करते हैं। आज जब हम योग के प्रसार के लिए प्रयास करते हैं, तो विश्व के हर व्यक्ति के लिए सर्वे संतु निरामय की कामना करते हैं। हमें संपूर्ण दुनिया को ये अहसास दिलाना है कि भारत की प्रगति से पूरी मानवता का कल्याण जुड़ा है। उन्होंने विश्वास किया कि अपने इन आदर्शों पर चलते हुए हम एक नया भारत भी बनाएँगे, और बेहतर दुनिया का सपना भी साकार करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए अपने विकल्प रहित संकल्प को लेकर आगे बढ़ना है। सभी के सहयोग और समर्थन से हम उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने का अपना सपना अवश्य साकार करने में सफल होंगे।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संवारने का कार्य करेगा। हमारी संस्कृति विश्व की महान संस्कृति रही है। उन्होंने कहा कि यह सांस्कृतिक केन्द्र संस्कृति संवर्धन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। निदेशक संस्कृति बीना भट्ट ने सभी का आभार जताया।

इसबीच सीएम ने परम्परागत ढ़ोल वादन कर लोकवाद्यो का सम्मान बढ़ाया। असम के लोक कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य बिहु प्रस्तुत कर सीएम धामी को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने फिल्म जगत से जुड़े प्रदेश के फिल्मकारों, छायाकारों व गायकों को भी सम्मानित किया। जिनमें फिल्मकार संतोष रावत, छायाकार कमलजीत नेगी, करन थपलियाल, अभिनेता चन्दन बिष्ट, अभिनेत्री रूप दुर्गापाल, गायिका शिखा जोशी शामिल थे।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, सचिव संस्कृति हरिचन्द्र सेमवाल, पद्मश्री बसंती बिष्ट समेत साहित्यकार, गीतकार और विभिन्न प्रदेशों से आए लोक कलाकार व रंगकर्मी मौजूद थे।

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