सियासत

Uttarakhand: स्टिंग ऑपरेशन नोटिस पर हरीश रावत बोले…

Uttarakhand Sting Operation Case : देहरादून। उत्तराखंड की सियासत में वर्ष 2016 के चर्चित स्टिंग ऑपरेशन को लेकर फिर से राजनीति गर्मा गई है। सीबीआई ने पूर्व सीएम हरीश रावत समेत चार लोगों को वाइस सैंपल के लिए नोटिस भेजा है। इस पर हरीश रावत की प्रतिक्रिया सामने आई है। हरदा ने कहा कि जितनी जांचें होंगी स्थितियां उतनी ही स्पष्ट होंगी। मैं एक ही बात जानता हूं ‘सत्यमेव जयते’।

बकौल हरीश रावत मेरे कई मित्र और शुभचिंतक सीबीआई के नोटिस को लेकर चिंता पूर्वक पूछताछ कर रहे हैं। जब तक विपक्ष के रूप में मैं सत्य बोलता रहूंगा, मेरे पांव आगे बढ़ते रहेंगे, चलता रहूंगा। 2016-17 के ये मित्र मेरे चारों तरफ घेरा डालेंगे, डालते रहेंगे। मैं केवल एक बात जानता हूं कि सत्यमेव जयते!

उन्होंने कहा कि 2016-17 में इन्हीं ताकतों ने एक महाषड्यंत्र के तहत हम जिस रास्ते पर चल रहे थे, उत्तराखंड को ले चलना चाहते थे, उस रास्ते को खंडित कर दिया। हमारी सरकार ने जो हजारों पहलें 2014-15, 16 और 2017 में प्रारंभ की थी, जिन पर हम आगे बढ़ रहे थे, चाहे वो सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय, सांस्कृतिक, उत्तराखंड से जुड़ा हुआ कोई भी क्षेत्र हो एक नई सोच को हम आगे बढ़ा रहे थे। जिनमें समाधान था उन आकांक्षाओं का जो राज्य निर्माण के संघर्ष में देखी थी, जिनमें समाधान था दूरदराज मैदान हो या पहाड़ उनके गांवों में बैठे हुए गरीब महिला-पुरुषों का, बेरोजगार नौजवानों के सवालों का, जो आज ज्वलंत रूप में हमारे उत्तराखंड को डस रहे हैं उन सवालों का भी निदान हमारी उसी सोच में था।

वर्ष 2017 में हमसे उस सोच को बढ़ाने का अधिकार छीन लिया गया, हमें जो कुछ खोना था वह खो चुके हैं। मगर एक कुहासा, एक भ्रम 2016 के घटनाक्रम को लेकर बहुत नाटकीय तरीके से खड़ा करने की कोशिश की गई। अब तो जितनी जांचे होंगी स्तिथियां उतनी ही स्पष्ट होंगी, कुहासा हटेगा, कोहरा हटेगा। भ्रम जो फैलाया गया वो दूर होगा। मुझे कोई चिंता नहीं है। हम तो संघर्ष से निकले हुए लोग हैं और संघर्ष में ही विलीन होना हमारी नियति है।

मगर मुझे खुशी होगी कि भगवान मेरी मदद करें, ताकि उत्तराखंडियत के साथ 2016-17 में उत्तराखंड के आम लोगों के साथ राज्य आंदोलन की बुनियादी भावनाओं और सोच के साथ जिन लोगों ने षड्यंत्र करके यह कूटरचना की इस कूटरचना के सीबीआई आदि तो एक पात्र मात्र हैं। रचनाकार और लोग हैं, कम से कम ववो रचनाकारों के चेहरे साफ होंगे और उत्तराखंड देख सकेगा कि उनके वास्तविक गुनाहगार कौन हैं?

उन्होंने यह भी कहा कि हरीश रावत महत्वपूर्ण नहीं है, उत्तराखंड और उत्तराखंडियत महत्वपूर्ण है। मैं इन सारे प्रकरणों को उसी संघर्ष के रूप में ले रहा हूं और उसी संघर्ष के रूप में आगे बढूंगा। जहां तक एजेंसीज का सवाल है, जो भी एजेंसीज होंगी अभी और एजेंसीज भी आगे आएंगी तो हम उसके साथ पूरा सहयोग करेंगे।

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