Uttarakhand: प्रत्येक ब्लॉक में बनेंगे 2-2 कलस्टर स्कूल
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्कूलों के गठन की प्रक्रिया तेज करने के दिए निर्देश

देहरादून। राज्य की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार, शिक्षकों की उपलब्धता भौतिक संसाधनों और छात्र संख्या में वृद्धि के मद्देनजर सरकार ने कलस्टर स्कूलों के गठन का निर्णय लिया है। प्रत्येक विकासखंड में कम से कम दो कलस्टर विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है। उन्हें चयनित कलस्टर स्कूलों और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त विद्यालयों के नए भवनों के लिए कार्यदायी संस्थाओं के जरिए डीपीआर तैयार करने को कहा गया है।
शिक्षामंत्री डा. धन सिंह रावत ने बुधवार को एक निजी होटल में शिक्षा अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें शासन एवं निदेशालय के आला अधिकारियों समेत खंड व उप खंड शिक्षा अधिकारी शामिल हुए। करीब तीन घंटे की मैराथन बैठक में डॉ. रावत ने चयनित कलस्टर विद्यालयों की संख्या, पीएम-श्री स्कूलों की प्रगति, परिषदीय परीक्षा में छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन, विद्यालय में तैनात शिक्षकों एवं छात्रों की संख्या, मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता, निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण, लम्बे समय से गायब और बीमार शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कार्मिकों की स्वैच्छिक, अनिवार्य सेवानिवृत्ति की प्रगति आदि की समीक्षा की।
उन्होंने निर्देशित किया कि कलस्टर स्कूलों के गठन के लिए अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अभिभावकों के साथ पांच से दस किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों के समायोजन की सहमति बनाते हुए विचार-विमर्श करें। इसके बाद अंतिम रूप से चयनित कलस्टर विद्यालयों और पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त विद्यालयों के नए भवन निर्माण की कार्यदायी संस्था से डीपीआर बनाकर मुख्य शिक्षा अधिकारी को सौंपे। ताकि वह शासन को समय पर उपलब्ध हो सके।
शिक्षामंत्री ने विद्यालयों में नशा मुक्ति एवं तम्बाकू निषेध अभियान चलाने, छात्रों को नैतिक शिक्षा एवं शिक्षकों को आचरण सेवा नियमावली का पालन कराने के निर्देश भी दिए। डा. रावत ने कहा कि जो शिक्षक व कर्मचारी लम्बे समय गैर हाजिर हैं उनके विरूद्ध नियमानुसार अनिवार्य व स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की कार्यवाही करें।
समीक्षा बैठक में उप निदेशक डॉ. चेतन नौटियाल ने कलस्टर स्कूलों के बारे प्रस्तुतिकरण दिया। वहीं मंत्री ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड द्वारा तैयार आनन्दम्-पाठ्यचर्चा विशेषांक ‘आनंद-पथ’ पत्रिका के द्वितीय संस्करण का विमोचन भी किया। सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव व महानिदेशक वंशीधर तिवारी ने भी अधिकारियों को विद्यालयों के स्थापना एवं शिक्षा की गुणवत्ता सहित विभिन्न बिन्दुओं पर दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक रामकृष्ण उनियाल, महावीर सिंह बिष्ट, डॉ. मुकुल सती, जे.एल शर्मा, रघुनाथ लाल आर्य, डा.एस.बी. जोशी, जगमोहन सोनी, चेतन प्रसाद नौटियाल आदि मौजूद रहे।