देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत जनपदों में रिक्त 883 पदों को जल्द भरा जाएगा। इसके लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। वहीं विशेषज्ञ चिकित्सकों का पृथक कैडर बनाने और अधिवर्षता आयु 65 वर्ष करने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाने को भी कहा गया है। वर्ष 2023-24 के लिए अधिकारियों को स्वीकृत वार्षिक बजट व्यय करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मंगलवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग देहरादून के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को 883 रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। बताया कि एनएचएम तहत जनपदों में स्टॉफ नर्स, लैब टैक्नीशियन, मेडिकल ऑफिसर, विशेषज्ञ चिकित्सक, आयुष मेडिकल ऑफिसर, फार्मासिस्ट, काउंसलर, सोशियल वर्कर, मिडवाइफरी एजुकेटर आदि के पद रिक्त चल रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि राज्य में विशेषकर पर्वतीय जनपदों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को देखते हुए उनके लिए पृथक कैडर बनाने और अधिवर्षता आयु 65 वर्ष करने का प्रस्ताव राज्य कैबिनेट की बैठक में रखने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की अधिवर्षता आयु 65 करने के साथ ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का भी विकल्प दिया जाएगा। बताया कि इससे पर्वतीय क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर किया जा सकेगा।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि एनएचएम के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में 831.38लाख का बजट स्वीकृत था जिसमें से 460.40लाख ही खर्च हो पाया। मंत्री ने वार्षिक बजट व्यय की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की, निर्देश दिए कि वार्षिक बजट को शत-प्रतिशत खर्च करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाय। जिसकी प्रत्येक माह समीक्षा की जाएगी।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य दीपेन्द्र चौधरी, अपर सचिव स्वास्थ्य अरूणेन्द्र सिंह चौहान, अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी, निदेशक कुमाऊं मंडल डॉ. तारा आर्य, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, डॉ. तरूण कुमार टम्टा, डॉ. अजीत मोहन जौहरी, अपर निदेशक डॉ. भागीरथी जंगपांगी, वित्त अधिकारी दिपाली भरने, डॉ. पंकज सिंह, डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर, डॉ. एमके मौर्य डॉ. अजय नगरकर आदि मौजूद थे।