
रुड़की। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Aiims) ऋषिकेश की ओर से आयोजित नेत्र परीक्षण एवं नेत्रदान जागरूकता शिविर में 252 लोगों की आंखों की जांच की गई। इस दौरान 84 लोगों ने नेत्रदान की शपथ भी ली। शिविर के नेत्र रोग पीड़ितों को दवाईयों को वितरण भी किया गया।
रविवार को करौंदी क्षेत्र में एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह की पहल पर नेत्र रोग विभाग और बालाजी विद्यापीठ द्वारा नेत्र परीक्षण एवं नेत्रदान जनजागरुकता शिविर आयोजित किया गया। चिकित्सकों ने मरीजों की आंखों की जांच की। बताया कि 46 रोगियों में मोतियाबिंद, 4 रोगियों में काला मोतिया रोग, कई बच्चों और वृद्धजनों में अपवर्तक त्रुटि का पता चला है। इन्हें चश्मे के नंबर दिए गए हैं। साथ ही गंभीर मरीजों को उपयुक्त उपचार की सलाह दी गई।
वहीं, संस्थान की डीन प्रो. जया चतुर्वेदी और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल की देखरेख में एम्स आई बैंक के प्रबंधक महिपाल चौहान, काउंसलर बिंदिया भाटिया ने लोगों को जानकारियां दी। उन्हें नेत्रदान के लिए जागरुक किया। इस दौरान 84 लोगों ने नेत्रदान की प्रतिज्ञा ली।
आयोजन में नेत्र विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार मित्तल, प्रो. अजय अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर नीति गुप्ता, बालाजी विद्यापीठ प्रबंधक शिव कुमार सिंह, प्रधानाचार्य शशि चौधरी, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोहमद जुनेद ने सहयोग किया। मौके पर डॉ. नीरज सिंह ढड्रवाल, डॉ. हिमानी पाल, डॉ. उमेश यादव, ऑप्ट्रोमेट्रिश मोहित अग्रवाल औरयश शर्मा मौजूद रहे।