रुद्रप्रयाग

केदारनाथ से 1600 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला

रुद्रप्रयाग जनपद के कई क्षेत्रों में अतिवृष्टि से आपात स्थिति उत्पन्न

रुद्रप्रयाग। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में अतिवृष्टि से उत्पन्न आपातस्थिति से निपटने के लिए राहत और बचाव दल युद्धस्तर पर कार्यरत हैं। रेस्क्यू टीमों ने आज 1600 श्रद्धालुओं को केदारनाथ से सुरक्षित निकाल कर गंतव्य की तरफ भेजा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी घटना की जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिए हैं।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दोपहर साढ़े तीन बजे तक केदारनाथ धाम की तरफ से आने वाले 1600 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। घटना में किसी तरह की जनहानि व पशुहानि की सूचना नहीं है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की विस्तृत जानकारी ली। साथ ही राहत और बचाव कार्यों को तेजी से चलाने और यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।

रुद्रप्रयाग जनपद के कई गांवों में अतिवृष्टि से नुकसान
सचिव ने बताया कि बीती रात लगभग 01 बजे से सुबह 04 बजे के मध्य तहसील रुद्रप्रयाग अंतर्गत ग्राम चमेली, रूमसी, चमरारा तोक व विजयनगर क्षेत्र में सौड़ी गदेरे और बेडू बगड़ नाले में भारी मात्रा में मलबा व पानी आने के कारण कुछ भवनों, गौशालाओं, शौचालयों और संपर्क मार्गों में कटाव हुआ। लगभग 8-10 भवनों में मलबा घुस गया है।

घटना की सूचना राज्य और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में प्राप्त होते ही राहत और बचाव दलों को प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना किया गया। सुबह 6ः00 बजे से ही आपदा प्रबंधन विभाग के साथ ही राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, पुलिस विभाग व स्वास्थ्य विभाग की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गईं।

उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में जेसीबी व अन्य संसाधनों की सहायता से मलबा हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। ग्रामीणों, पशुधन व अन्य प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत शिविर स्थापित कर सुरक्षित आवास, भोजन, चिकित्सा एवं आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित कराई जा रही हैं।

केदारनाथ पैदल मार्ग पर आए पत्थर और मलबा
वहीं दूसरी ओर, प्रातः लगभग 4ः00 बजे गौरीकुंड में घोड़ापड़ाव से लगभग 50 मीटर की दूरी पर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में भारी पत्थर व मलबा आने की सूचना प्राप्त हुई। तत्काल जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य संबंधित विभागों की टीमों द्वारा वहां कार्य प्रारंभ किया गया। यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग बनाकर सुरक्षित निकाला गया।

उन्होंने बताया कि अब तक केदारनाथ की ओर से लगभग 1600 यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। लगभग 700 अन्य यात्रियों को निकालने की कार्यवाही जारी है। बंद मार्गों को खोलने का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है। मौसम अनुकूल रहा तो शाम तक सभी मार्गों को खोल दिया जाएगा। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से पूरी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

राहत बचाव दलों से ली जानकारी
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने स्वयं राहत कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देशित किया कि राहत एवं पुनर्वास कार्यों में कोई कोताही न हो। सचिव ने कहा कि इस विषम परिस्थिति में राज्य की आपदा प्रबंधन टीम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राजस्व विभाग और जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है। उन्होंने पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का कार्य किया है।

सीएम धामी रख रहे हालात पर नजर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उनके कार्यालय द्वारा राहत एवं बचाव अभियान की मॉनिटरिंग की जा रही है। आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी की गई सूचना का ही अनुसरण करें। आपात स्थिति में नजदीकी राहत केंद्र या कंट्रोल रूम से संपर्क करें।

आपातकालीन सेंटर में यह रहे मौजूद
इस दौरान राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में एसीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप, एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएसडीएमए के विशेषज्ञ और विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!