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उत्तराखंड को मिलेगी सात रोप-वे की सौगात

राज्य और केंद्र के बीच एमओयू किया गया साइन

देहरादून। राज्य को सात रोप-वे की सौगात मिलने जा रही है। इसके लिए राज्य और केंद्र के बीच एमओयू साइन हो चुका है। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की नियंत्राणाधीन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) सात जगहों पर रोप-वे का निर्माण करेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा डीपीआर तैयार कर काम शुरू किया जाएगा।

मुख्य सचिव उत्तराखंड डॉ. एसएस संधु की मौजूदगी में अपर सचिव पर्यटन एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड पर्यटन युगल किशोर पंत और राजमार्ग मंत्रालय के एनएचएलएमएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश गौड़ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही रोपवे निर्माण के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के साथ अनुबंध करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। इसके लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को नोडल विभाग बनाया गया है।

केंद्रीय मंत्रालय के अधीन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) प्रथम चरण में प्रदेश के सात रोप-वे केदारनाथ, नैनीताल, हेमकुंड साहिब, पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टॉप और ऋषिकेश से नीलकंठ तक रोप- वे के डीपीआर और निर्माण की प्रक्रिया राज्य सरकार के साथ मिलकर करेगी।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि रोप- वे बनने से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसी जगहों पर बुजुर्गों, दिव्यांगों, महिलाओं को आवागमन में सुविधा होगी। तीर्थयात्री बेहद कम समय में अपनी यात्रा को पूरा कर सकेंगे। साथ ही कुछ क्षेत्रों में वर्षभर यात्रा के संचालन के रास्ते भी खुलेंगे।

उधर, इस विषय में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सात स्थानों पर रोप-वे निर्माण से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही देश दुनिया के तीर्थाटक उत्तराखंड में रोमांच भरे सफर का आनंद भी उठा सकेंगे। रोप-वे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आरके सुधांशु, चेयरमैन एनएचएलएमएल मनोज कुमार, यूटीडीबी के वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत और एनएचएलएमएल के परियोजना सदस्य आदि मौजूद रहे।

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